
अमेरिका में पूर्व राष्ट्रपति और रिपब्लिकन पार्टी के उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप ने ‘वन बिग ब्यूटीफुल बिल’ (One Big Beautiful Bill) के तहत अप्रवासी भारतीयों (NRI) को बड़ी राहत दी है। इस नए विधेयक के मसौदे में अमेरिका से भारत भेजे जाने वाले पैसे पर लगने वाला रेमिटेंस टैक्स घटाकर अब केवल 1% कर दिया गया है। पहले यह टैक्स 5% प्रस्तावित था, जिसे भारी विरोध के चलते पहले 3.5% किया गया था, और अब इसे और कम करते हुए 1% कर दिया गया है।
क्या है यह नया बिल?
यह बिल विशेष रूप से अमेरिका में रह रहे अप्रवासी नागरिकों द्वारा दूसरे देशों—विशेषकर भारत—को भेजे जा रहे पैसों पर लगने वाले टैक्स से जुड़ा है। ट्रंप ने इस बिल को “अमेरिकी करदाताओं के हितों की रक्षा” के नाम पर प्रस्तावित किया था। शुरुआत में इसका उद्देश्य था कि विदेशों में पैसे भेजने वालों पर अतिरिक्त टैक्स लगाकर घरेलू संसाधनों पर बोझ कम किया जाए।
लेकिन भारतीय समुदाय समेत कई देशों के अप्रवासी नागरिकों ने इस प्रस्ताव का कड़ा विरोध किया। इसके बाद इस प्रस्तावित कानून में संशोधन किए गए और अब सीनेट के नए ड्राफ्ट में 1% रेमिटेंस टैक्स तय किया गया है।
भारतीयों को क्या होगा फायदा?
भारत दुनिया में सबसे ज्यादा रेमिटेंस पाने वाला देश है। 2023 में भारत को $125 अरब (₹10 लाख करोड़) के करीब रेमिटेंस प्राप्त हुआ था, जिसमें सबसे बड़ा योगदान अमेरिका में बसे NRIs का था। नए टैक्स के तहत:
- अगर कोई व्यक्ति $10,000 भारत भेजता है, तो उसे सिर्फ $100 (करीब ₹8,300) टैक्स देना होगा।
- पहले 5% टैक्स लागू होता, तो यह राशि $500 (₹41,500) हो जाती।
- इस बदलाव से H‑1B वीज़ा, ग्रीन कार्ड, स्टूडेंट वीज़ा, और कामकाजी वीज़ा पर रह रहे लाखों भारतीयों को सीधा फायदा मिलेगा।
क्यों हुआ बदलाव?
ट्रंप प्रशासन को जब NRIs, वित्तीय विशेषज्ञों और विभिन्न व्यापार संगठनों की ओर से आलोचना झेलनी पड़ी, तब जाकर इस प्रस्ताव में बदलाव किया गया। माना जा रहा है कि ट्रंप चुनाव से पहले भारतीय समुदाय को लुभाना चाहते हैं, जो अमेरिका में एक प्रभावशाली वोट बैंक बन चुका है।
ट्रंप ने खुद कहा कि यह बिल “बड़ा, सुंदर और अमेरिकियों के लिए लाभदायक” है, लेकिन इसका अंतरराष्ट्रीय अप्रवासियों पर बोझ कम करना एक बड़ा राजनीतिक कदम माना जा रहा है।
क्या अब यह बिल लागू हो गया है?
अभी यह बिल सीनेट के ड्राफ्ट स्तर पर है। अगर इसे अमेरिका की कांग्रेस और सीनेट दोनों से मंजूरी मिल जाती है, तो यह 1 जनवरी 2026 से लागू हो सकता है।
भारत पर क्या असर पड़ेगा?
- आर्थिक फायदा: भारत में घरेलू खर्च, निवेश और शिक्षा के लिए आने वाली रेमिटेंस राशि पर अब कम टैक्स लगेगा, जिससे लोगों को अधिक पैसा मिलेगा।
- विदेशी मुद्रा भंडार: रेमिटेंस टैक्स कम होने से डॉलर की आमद बनी रहेगी, जिससे भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) को भी राहत मिलेगी।
- कमजोर वर्गों को सहारा: रेमिटेंस खासतौर से ग्रामीण और मध्यम वर्गीय परिवारों के लिए जीवनरेखा है—1% टैक्स से उन पर वित्तीय दबाव नहीं बढ़ेगा।