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Flipkart Big Billion Days SALE में iPhone 16 ऑर्डर कैंसल

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Flipkart की सालाना Big Billion Days सेल इस बार विवादों में घिर चुकी है। खासकर iPhone 16 और iPhone 16 Pro मॉडल्स को लेकर ग्राहकों ने बड़े पैमाने पर शिकायतें दर्ज कराई हैं कि उन्होंने ऑर्डर सफलतापूर्वक प्लेस किया, भुगतान भी हो गया, लेकिन कुछ ही समय बाद ऑर्डर कैंसल कर दिया गया। इस घटना को लेकर सोशल मीडिया पर लोग इसे “फ्लिपकार्ट घोटाला (Flipkart scam)” कहने लगे हैं।

विवाद की शुरुआत

सेल लॉन्च होते ही Flipkart ने iPhone 16 को ₹51,999 की सूची मूल्य पर दिखाया और iPhone 16 Pro को भी बड़ी छूट के दावों के साथ प्रचारित किया। ग्राहक इस छूट को पाकर तुरंत ऑर्डर करने लगे। लेकिन कुछ ही घंटों में, कई ग्राहकों ने पाया कि उनका ऑर्डर “पेमेन्ट फेलियर” या अन्य अस्पष्ट कारणों से कैंसल कर दिया गया है — जबकि बैंक से ट्रांज़ैक्शन सफल हुआ था।

कुछ स्क्रीनशॉट्स और सोशल मीडिया पोस्ट में यह दावा किया गया कि कैंसिलेशन नोटिफिकेशन प्राप्त हुए, लेकिन रिफंड की प्रक्रिया अभी भी लंबी और अनिश्चित है।

“I ordered iPhone 16 three times and all got cancelled … blocking credit limit of my cards.” The Financial Express+1

ग्राहकों की नाराजगी और आरोप

ग्राहकों का आरोप है कि यह छूट केवल प्रचार का हिस्सा थी — “bait” (प्रलोभन) — जो उनकी निगाहें खींचने के लिए उपयोग किया गया, पर उसकी पूर्ति करना शायद Flipkart का इरादा नहीं था।
कई उपयोगकर्ताओं ने यह भी कहा कि उन्हें पहले “Black / Plus सदस्य” के रूप में एक्सेस मिला था, फिर भी ऑर्डर सफल न हो सका।
किसी ने कहा:

“After sale launch, orders cancelled despite payment — feels like scam.” Moneycontrol+1

प्रतिस्पर्धा और अन्य तकनीकी ऑफर

इसी दौरान, अन्य मीडिया रिपोर्ट्स यह भी बता रही हैं कि iPhone 16 Pro को बिक्री में ₹44,099 की कीमत पर पेश किया गया था, जो कि काफी कम लग रही थी।
इसके अलावा अन्य प्लेटफार्मों और टेक रिपोर्टों में कहा गया कि सेल के पहले चरण में iPhone मॉडल जल्दी-जल्दी आउट ऑफ स्टॉक हो गए, कुछ ऑर्डर कैंसल हो गए।

कंपनी की प्रतिक्रिया और स्थिति

अब तक Flipkart ने इस मामले पर विस्तृत सार्वजनिक बयान नहीं दिया है। लेकिन कुछ ग्राहकों को रिफंड की सूचना मिली है, वहीं कुछ को अभी तक उनके पैसे लौटने का इंतजार है।
इस बीच, यह विवाद ई-कॉमर्स प्लेटफार्मों की ट्रांसपेरेंसी, ऑफर की विश्वसनीयता, और उपभोक्ता अधिकार विषयों को फिर से उभार रहा है।

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