
भारत सरकार ने Ministry of External Affairs (MEA) की अगुवाई में “ऑपरेशन सिंधु” शुरू किया। इसके तहत 18 जून को इरान के संघर्षग्रस्त क्षेत्र से करीब 110 भारतीय छात्र (ज्यादातर उर्मिया मेडिकल यूनिवर्सिटी से) पहले सड़क मार्ग से आर्मेनिया पहुंचे और फिर यरिवन से विशेष उड़ान के जरिए 19 जून की शुरुआती घंटों में नई दिल्ली एयरपोर्ट पर उतरे ।
विदेश राज्य मंत्री किर्ति वर्धन सिंह ने बताया कि पहले विमान के अलावा भी अतिरिक्त उड़ानों के प्रावधान किए जा रहे हैं, जिनमें तुर्कमेनिस्तान मार्ग भी शामिल है। इमरजेंसी के लिए 24×7 एमबेसियों द्वारा हेल्पलाइन और कंट्रोल रूम कार्यरत हैं ।
वापसी के दौरान छात्रों ने मिसाइल और ड्रोन हमलों का भयावह अनुभव साझा किया। कई छात्रों ने बताया कि उनके आस-पास बमबारी हुई और उन्हें शरण स्थल में रहना पड़ा । भारत में वर्तमान में इरान में लगभग 4,000 भारतीय हैं, जिनमें करीब आधे छात्र हैं—इसलिए सरकार की कोशिश जारी है।
यह अभियान 2022 के “ऑपरेशन गंगा” की तर्ज पर चलाया गया, जिसमें रूस‑यूक्रेन युद्ध के दौरान भारत ने 18,000 से अधिक नागरिकों को स्वदेश लाया था ।