
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हालिया बयान में दावा किया है कि उन्होंने रूस-यूएस शिखर वार्ता के बाद मध्यस्थता करके भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव को शांत किया। ट्रंप ने कहा कि दोनों देशों में “प्लेन हवा में गिर रहे थे”—लगभग पांच लड़ाकू विमान— और यह स्थिति परमाणु युद्ध तक पहुंच सकती थी, लेकिन “मैंने इसे रुकवाया।” उन्होंने यह दावा करते हुए बताया कि अमेरिका ने कुल पाँच युद्ध रोक दिए हैं, जिनमें भारत-पाक के बीच का तनाव भी शामिल है।
ट्रंप ने यह भी दावा किया कि उन्होंने अन्य संघर्षरत देशों के संघर्षों को भी समाप्त किया है, यह सब उन्होंने व्यापार संबंधों को मध्यस्थता के हथियार के रूप में उपयोग कर हासिल किया।
हालांकि, भारत ने इन दावों का स्पष्ट रूप से खंडन किया है। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने लोक सभा में बताया कि मई में हुई भारत-पाक युद्धविराम की पहल द्विपक्षीय सैन्य स्तर पर ही हुई थी— संयुक्त सैन्य संचालन प्रमुखों (DGMO) के बीच वार्ता के माध्यम से, और किसी भी स्तर पर अमेरिका या किसी तीसरे पक्ष का इसमें हस्तक्षेप नहीं था।
यह बयान ऐसे समय में आया है जब “ऑपरेशन सिंदूर” की चर्चा देशभर में गर्म है—इस अभियान में भारतीय वायु सेना की कार्रवाई में पाकिस्तान के कई हवाई हमले और सैन्य संरचनाएं निशाना बनीं। भारत ने इस अभियान को एक स्वतंत्र निर्णय बताकर स्पष्ट किया है कि किसी विदेशी हस्तक्षेप की आवश्यकता नहीं थी।