
बिहार विधानसभा चुनाव की तैयारियों के बीच राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी की सक्रिय एंट्री ने विपक्षी INDIA गठबंधन के सीट बंटवारे को लेकर मुश्किलें बढ़ा दी हैं।
ओवैसी की पार्टी ने साफ संकेत दिया है कि वह सीमांचल इलाके में अपनी मौजूदगी मजबूत करना चाहती है। पिछले चुनाव में AIMIM ने सीमांचल की कुछ सीटों पर अच्छी कामयाबी हासिल की थी, और इस बार वह अपने प्रभाव को और बढ़ाना चाहती है।
उधर, कांग्रेस और राजद समेत INDIA गठबंधन के दल सीटों के बंटवारे को लेकर पहले से ही खींचतान में फंसे हैं। ओवैसी की मौजूदगी से मुस्लिम वोटों में बंटवारे का डर भी गहराता नजर आ रहा है। विपक्षी दलों को आशंका है कि AIMIM के मैदान में उतरने से बीजेपी को फायदा हो सकता है।
विश्लेषकों का कहना है कि सीमांचल में मुस्लिम आबादी का बड़ा हिस्सा AIMIM के पक्ष में जा सकता है, जिससे विपक्षी गठबंधन के समीकरण बिगड़ सकते हैं। इसी वजह से सीट-बंटवारे पर बातचीत में तनातनी और जटिलता बढ़ती जा रही है।
ओवैसी ने अपने बयानों में साफ कहा है कि उनकी पार्टी बिहार के मुसलमानों के मुद्दे मजबूती से उठाएगी और उन्हें राजनीतिक ताकत दिलाने के लिए चुनाव लड़ेगी। इससे साफ है कि आगामी चुनावी मुकाबला दिलचस्प और जटिल होने वाला है।