
सेंट्रल स्वास्थ्य मंत्रालय ने कोल्ड्रिफ कफ सिरप से अब तक लगभग 20 बच्चों की मौत की रिपोर्ट को लेकर कहा है कि यह मामला केंद्र और राज्य सरकार के बीच दोषारोपण (blame game) नहीं, बल्कि जवाबदेही (accountability) का है।
मंत्रालय के सूत्रों ने बताया कि तमिलनाडु की फूड एवं ड्रग्स एडमिनिस्ट्रेशन (TN-FDA) ने केंद्र और संबंधित एजेंसियों की स्पष्ट सिफारिशों के बावजूद आवश्यक कार्रवाई नहीं की। केंद्र से यह सवाल उठाया गया है कि डीसीजीआई (DCGI) और CDSCO की निर्देशों के बावजूद लाइसेंस रद क्यों नहीं किया गया एवं आपराधिक आरोप क्यों नहीं लगाये गए?
तमिलनाडु सरकार की ओर से कहा गया है कि जैसे ही उन्होंने मामले की जानकारी पाई (1 अक्टूबर को मध्य प्रदेश से सूचना मिलने पर), उसी दिन राज्य में उस सिरप की बिक्री पर रोक लगा दी गई। इसके बाद 3 अक्टूबर को उत्पादन बंद करने का आदेश, और 7 अक्टूबर को आपराधिक कार्रवाई की नोटिस जारी करने की कार्रवाई की गई।
नियंत्रण विभाग की एक 26 पेज की जांच रिपोर्ट में यह भी खुलासा हुआ कि Sresan Pharmaceuticals (तमिलनाडु) के प्लांट पर 350 से अधिक मानदंडों का उल्लंघन हुआ है — जैसे अस्वच्छता, उपकरणों में जंग, गैर-फार्मा ग्रेड रसायनों का उपयोग आदि।
मंत्रालय का कहना है कि इस मामले में केंद्रीय एजेंसियों ने समय रहते सिफारिशें दी थीं, लेकिन राज्य स्तर पर कदम न उठाये जाने से ऐसी त्रासदी हुई।



