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सरहद पार प्यार महंगा पड़ा


जम्मू-कश्मीर
देश की केंद्रीय सुरक्षा बल सीआरपीएफ (CRPF) में तैनात एक जवान को पाकिस्तानी महिला से शादी करना भारी पड़ गया। सुरक्षा मानकों और प्रक्रिया के उल्लंघन के आरोप में जवान को सेवा से बर्खास्त कर दिया गया है। यह मामला राष्ट्रीय सुरक्षा और सीमा पार रिश्तों के संदर्भ में नई बहस को जन्म दे रहा है।

🔍 कौन हैं यह जवान और क्या है पूरा मामला?

बर्खास्त किया गया जवान मुनीर अहमद जम्मू-कश्मीर के रियासी जिले का निवासी है और पिछले कुछ वर्षों से सीआरपीएफ में सेवा दे रहा था। उसने पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के गुजरांवाला की निवासी मनेल खान से 24 मई 2024 को वीडियो कॉल के माध्यम से निकाह किया था।

इसके बाद मनेल खान 15 दिनों के वीज़ा पर भारत आईं और उन्होंने जम्मू-कश्मीर में अपने पति के साथ समय बिताया। यह शादी कई सुरक्षा एजेंसियों की निगाह में तब आई, जब वीज़ा अवधि समाप्त होने के बाद भी मनेल भारत में मौजूद पाई गईं।

🚨 क्या हैं सरकार और सुरक्षा बलों के आरोप?

CRPF के उच्च अधिकारियों के अनुसार:

  • मुनीर ने विभाग को शादी की जानकारी नहीं दी
  • मनेल खान की भारत में उपस्थिति की सूचना छुपाई गई।
  • पाकिस्तान की नागरिक से विवाह राष्ट्रीय सुरक्षा के दृष्टिकोण से संवेदनशील मामला माना गया।
  • जवान ने सुरक्षा प्रोटोकॉल और गोपनीयता नियमों का उल्लंघन किया।

इस आधार पर मुनीर को अनुशासनात्मक जांच के बाद सेवा से बर्खास्त कर दिया गया।

📢 मुनीर अहमद का पक्ष:

जवान मुनीर ने इन आरोपों को सिरे से खारिज किया है। उनका कहना है:

“मैंने शादी से पहले विभाग को पत्र लिखकर औपचारिक अनुमति ली थी। मैंने मनेल के वीजा दस्तावेज़ और पहचान पत्र भी जमा किए थे। मुझे गलत तरीके से टारगेट किया गया है।”

मुनीर का दावा है कि वह कानूनी लड़ाई लड़ेगा और अपने साथ हुई नाइंसाफी को अदालत में चुनौती देगा।


📌 प्रमुख तथ्य संक्षेप में:

तथ्यविवरण
जवान का नाममुनीर अहमद
बलकेंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF)
महिला का नाममनेल खान (पाकिस्तानी नागरिक)
शादी की तारीख24 मई 2024 (वीडियो कॉल के माध्यम से)
भारत आगमन15 दिन के वीजा पर
आरोपविभाग को बिना सूचना पाकिस्तानी महिला से शादी और सुरक्षा प्रोटोकॉल का उल्लंघन
कार्रवाईसेवा से बर्खास्त
जवान का दावाअनुमति लेकर शादी की, दस्तावेज विभाग को सौंपे

🗣️ विशेषज्ञों की राय:

रक्षा मामलों के जानकारों के मुताबिक, सीमा पार विवाह खासतौर पर जब वह संवेदनशील क्षेत्र (जम्मू-कश्मीर) और सुरक्षा बल के सदस्य से जुड़ा हो, तो वह राष्ट्रीय सुरक्षा का मामला बन सकता है। भले ही वह वैध रूप से किया गया हो, यदि बिना उच्च स्तर की जांच और अनुमति के ऐसा संबंध बनाया जाए, तो एजेंसियों को शक होना स्वाभाविक है।

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