
भारत में डिजिटल लेन-देन जितना बढ़ रहा है, उतनी ही तेज़ी से साइबर ठगी के मामले भी बढ़ते जा रहे हैं। साल 2024 में साइबर फ्रॉड ने देश को करीब 22,812 करोड़ रुपये की चपत लगाई है। यह आंकड़ा चौंकाने वाला है और डिजिटल सुरक्षा को लेकर कई गंभीर सवाल खड़े करता है।
राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल के आंकड़ों के अनुसार, पूरे साल भर में कुल 11 लाख से ज्यादा मामले दर्ज किए गए। यानी औसतन हर मिनट में दो से तीन लोग साइबर ठगी के शिकार हुए। इनमें बैंकिंग फ्रॉड, फेक लिंक, फिशिंग कॉल्स, KYC अपडेट के नाम पर ठगी और सोशल मीडिया स्कैम जैसे मामले शामिल हैं।
विशेषज्ञों का मानना है कि डिजिटल साक्षरता की कमी, OTP और लिंक शेयर करने की लापरवाही और कमजोर साइबर सुरक्षा उपाय इस बढ़ते खतरे के मुख्य कारण हैं।
सरकार ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए डिजिटल फ्रॉड से निपटने के लिए “1930 हेल्पलाइन” और साइबर क्राइम पोर्टल की सुविधा दी है, लेकिन आम लोगों को जागरूक रहना और सतर्कता बरतना अब और भी ज़रूरी हो गया है।
अगर समय रहते सावधानी न बरती गई तो यह आर्थिक नुकसान और भी बढ़ सकता है।