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बेंगलुरु में दहेज प्रताड़ना से तंग दंपती की पत्नी ने किया आत्महत्या

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बेंगलुरु — दक्षिण भारत की IT राजधानी में एक और दर्दनाक दहेज प्रकरण सामने आया है। 27 वर्षीय शिल्पा पंचांगमठ, जो पहले एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर (Infosys) थीं और वर्तमान में दूसरी बार गर्भवती थीं, अपने घर में लटकी हुई मिलीं। यह घटना उसी क्षेत्र की—सुद्दगुंटेपल्या—में हुई जहाँ हाल ही में ऐसी कई घटनाएँ प्रकाश में आई हैं। पुलिस ने शिल्पा के पति, प्रवीण, और उनकी मां, शांतव्वा, को दहेज प्रताड़ना और आत्महत्या के उकसाने (abetment to suicide) के आरोपों में हिरासत में लिया है।

घटना का विवरण:

  • विवाह और प्रारंभिक दहेज मांग: शिल्पा और प्रवीण का विवाह दिसंबर 2022 में हुआ था। उनके बड़े पैमाने पर भव्य विवाह में लगभग ₹35–40 लाख खर्च किए गए और 150 ग्राम सोना दहेज के रूप में दिया गया था

  • लगातार मांगें और मानसिक प्रताड़ना: विवाह के बाद भी शिल्पा से लगातार अतिरिक्त ₹5 लाख की मांग की गई—दावा है कि यह राशि प्रवीण के पानिपुरी व्यवसाय के लिए माँगी गई थी। इस बीच उन्हें उनके रंग और कद को लेकर मानसिक प्रताड़ना का भी सामना करना पड़ा, कुछ समय तक घर से भेजा भी गया।

  • आत्महत्या और शुरुआती छानबीनः 26 अगस्त की रात, जब शिल्पा की मृत्यु हुई, तब प्रवीण ने परिवार को ‘हार्ट अटैक’ बताया था। लेकिन जब परिवार पहुँचा, तो शिल्पा का शव बिछौने पर पड़ा था, और मामला आत्महत्या का प्रतीत हुआ। पुलिस ने शिल्पा की मां, शारदा बी. पंचांगमठ, की शिकायत पर 27 अगस्त को FIR दर्ज कर मामला 80(2) (दहेज मृत्यु) के तहत दर्ज किया। इसमें धारा 3 और 4 (दहेज मांगने और देने की दंडनीय धाराएं) के तहत भी कार्यवाही शुरू की गई है।

सामाजिक और कानूनी पहलू:

यह मामला विशेष रूप से चिंताजनक इसलिए है क्योंकि दोनों—शिल्पा और प्रवीण—शिक्षित और IT क्षेत्र से जुड़े थे; फिर भी दहेज की बर्बरता ने उन्हीं को अपनी लागि। यह दिखाता है कि दहेज संचलन केवल ग्रामीण या अशिक्षित समुदायों की समस्या नहीं है, बल्कि इसे शहरों के शिक्षित वर्ग में भी पूरी गंभीरता से देखा जाना चाहिए।

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