
पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के बेटों—सुलेमान खान (28 वर्ष) और कासिम खान (26 वर्ष)—ने हाल ही में पाकिस्तान की राजनीति में कदम रखने की तैयारी शुरू कर दी है। उनकी राजनीतिक एंट्री के पीछे मुख्य उद्देश्यों में शामिल हैं:
पिता की रिहाई और विरोध-आंदोलन का नेतृत्व
- दोनों बेटों ने मई माह में पहली बार सार्वजनिक तौर पर अपने पिता की जेल स्थितियों और रिहाई के लिए आवाज उठाई। कासिम ने एक्स (पूर्व ट्विटर) पर लिखा कि इमरान खान को 700 दिनों से जेल में रखा गया है, उन्हें परिवार और डॉक्टरों से भी संपर्क की अनुमति नहीं मिली।
- PTI संस्थापक की बहन, अलीमा खान, ने पुष्टि की कि सुलेमान और कासिम संयुक्त राज्य जाएंगे, जहाँ वे अपने पिता के केस को सामने रखेंगे, और फिर 5 अगस्त को होने वाले PTI के विरोध रैली में पाकिस्तान लौटेंगे।
पाक सरकार का कड़ा रुख
- अकील मलिक, कानून और न्याय राज्य मंत्री ने चेतावनी दी है कि यदि दोनों बेटों ने पाकिस्तान में विरोध प्रदर्शन या राजनीतिक गतिविधि की कोशिश की, तो उन्हें देश में प्रवेश से ही रोका जा सकता है, या आने पर गिरफ्तार किया जाएगा।
- केपी गवर्नर खैबर पख्तूनख्वा फैसल करीम कुंडी ने स्पष्ट किया कि वे कानून से ऊपर नहीं हैं और यदि उन्होंने कानूनी सीमा पार की तो कार्रवाई होगी।
विपक्ष का समर्थन
- PML‑N के सीनेटर इरफ़ान सिद्दीकी का कहना है कि बेटे “कानूनी सीमाओं के भीतर रैली में भाग ले सकते हैं”, और सत्ता पक्ष को उन्हें अखंड अधिकार नहीं देना चाहिए।
दोहरी नागरिकता और राजनीतिक क्षमता
- सुलेमान और कासिम ब्रिटिश नागरिक हैं। पाकिस्तानी कानून के अनुसार, विदेशी नागरिक राजनीति में सक्रिय रूप से नहीं भाग ले सकते। लेकिन यदि वे शांतिपूर्ण प्रदर्शन करे तब कानूनी कार्रवाई सीमा तक संभव है, जैसा सरकार ने सावधानी से कहा