
केरल की रहने वाली भारतीय नर्स निमिषा प्रिया को यमन में 2017 में एक स्थानीय नागरिक की हत्या के अपराध में दोषी ठहराया गया था। यमन की न्यायिक प्रणाली में अंतिम मंजूरी मिलने के साथ पहले ही मृत्यु-दंड की सजा सुनिश्चित हो चुकी थी। अब रिपोर्टों के अनुसार उनकी फांसी की तारीख 16 जुलाई 2025 निर्धारित की गई है ।
निमिषा मूलतः पलक्कड़ जिले के कोल्लेंगोड़े की रहने वाली हैं। वे 2008 में यमन चली गई थीं और वहाँ चिकित्सकीय सेवाएँ प्रदान कर रही थीं । 2017 में वे पासपोर्ट की वापसी के प्रयास में अपनी स्थानीय साझेदार तलाल अब्दो महदी को सेडेटिव इंजेक्शन देकर बेहोश करने की कोशिश में थीं, जिसकी मौत हो गई। 2018 में उन्हें निचली अदालत ने दोषी ठहराया और सजा सुनाई; राजनीतिक पहलुओं के बाद यमन की सुप्रीम कोर्ट ने नवंबर 2023 में सजा को बरकरार रखा और अधिकतम ‘ब्लड मनी’ (खून का मुआवजा) विकल्प खुला रखा ।
भारत सरकार की तरफ से विदेश मंत्रालय (MEA) द्वारा शुरुआत से ही हरसंभव मदद का आश्वासन दिया गया है। यमन की सर्वोच्च अदालत फैसले की पुष्टि कर चुकी है और अब राष्ट्रपति रशद अल-आलिमी ने मृत्युदंड को मंजूरी दी है ।
निमिषा की माँ प्रेमा कुमारी ने यमन की राजधानी सना में ‘शेव निमिषा प्रिया इंटरनेशनल एक्शन काउंसिल’ के साथ ब्लड मनी की बातचीत की कोशिश की, लेकिन अब समय सीमित हो चुका है ।
वर्तमान स्थिति:
- फाँसी तिथि: 16 जुलाई 2025 की रात तय।
- मृत्यु-दंड: यमन राष्ट्रपति द्वारा अंतिम अनुमोदन हो चुका है।
- भारत सरकार: हरसंभव कूटनीतिक कोशिशें जारी, MEA सक्रिय।
- ब्लड मनी विकल्प: बातचीत अभी भी कोशिश के दौर में है।