
भारत की घरेलू एयर-लाइन IndiGo पर हाल ही में DGCA (नागरिक उड्डयन महानिदेशालय) ने आदेश दिया है कि उसकी उड़ानों की संख्या 5 प्रतिशत कम की जाए। यह फैसला उस बड़े ऑपरेशनल संकट के बाद आया है जिसमें इंडिगो को पायलटों की कमी, सर्दियों के शेड्यूल-चेंज, टेक्निकल गड़बड़ियों और बढ़ती खराब मौसम जैसी चुनौतियों का सामना करना पड़ा।
पहले यह अनुमान था कि लगभग 110–115 उड़ानों (लगभग रोजाना) रद्द की जा सकती हैं। सरकार का इरादा है कि यह संसाधन उन एयरलाइन्स को दिए जाएँ जिनकी स्थिति बेहतर है — ताकि यात्रियों को हो रही असुविधा कम हो सके।
इंडिगो की ओर से बताया गया है कि यह संकट पायलटों की कमी और नए क्रू-रॉस्टरिंग नियमों (Flight Duty Time Limitations – FDTL) के कारण हुआ है, जो 1 नवंबर 2025 से लागू हुए थे। इसके अलावा, सर्दियों का नया शेड्यूल, मौसम और हवाई अड्डों की भीड़-भाड़ ने मिलकर समस्या को और गंभीर बना दिया।
सरकार और DGCA ने इंडिगो के लिए एक हाई-लेवल जांच समिति भी गठित कर दी है, और एयरलाइन के शीर्ष अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की संभावना जताई जा रही है।



