ईरान ने 2-3 दिन पहले चेतावनी मिलने के बावजूद इजरायली हमले को क्यों नहीं रोक पाया?

🔥 पृष्ठभूमि
13 जून 2025 को इजरायल ने “ऑपरेशन राइजिंग लॉयन” के तहत ईरान पर बड़ा सैन्य हमला किया, जिसमें नटांज (Natanz) परमाणु केंद्र समेत कई अहम सैन्य और वैज्ञानिक ठिकाने तबाह कर दिए गए। इस हमले में ईरानी रिवोल्यूशनरी गार्ड्स के प्रमुख हुसैन सलामी, सैन्य प्रमुख मोहम्मद हुसैन बघेरी और दो प्रमुख परमाणु वैज्ञानिक मारे गए।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, ईरान को इस हमले की 2 से 3 दिन पहले से खुफिया चेतावनी मिल गई थी। फिर भी वह इस हमले को रोकने या प्रभावी जवाब देने में असफल रहा। आइए समझते हैं कि ऐसा क्यों हुआ।
⚠️ 1. एयर डिफेंस सिस्टम की कमजोरी
ईरान के पास रूस से प्राप्त S-300 और स्वदेशी Bavar-373 जैसे आधुनिक वायु रक्षा सिस्टम हैं, लेकिन:
- इजरायल के F-35 स्टील्थ फाइटर जेट्स को ये सिस्टम पहचान नहीं पाए।
- हमले में इजरायल ने साइबर जामिंग तकनीकों का भी इस्तेमाल किया, जिससे ईरानी रडार निष्क्रिय हो गए।
- मिसाइल हमलों से पहले ईरान की एयर डिफेंस यूनिट्स को भ्रमित कर दिया गया था।
🧠 2. साइबर युद्ध का इस्तेमाल
इजरायल की साइबर इंटेलिजेंस इकाइयों (जैसे यूनिट 8200) ने ईरान की कम्युनिकेशन और रडार प्रणाली पर साइबर हमला किया। इससे:
- एयर डिफेंस को रियल-टाइम सूचना नहीं मिल सकी
- सैन्य निर्णयों में देरी हुई
- मिसाइल ट्रैकिंग और रेस्पॉन्स सिस्टम निष्क्रिय हो गए
🧯 3. इंटरनल मिसमैनेजमेंट और राजनीति
ईरान की सेना, रिवोल्यूशनरी गार्ड्स (IRGC), और राजनीतिक नेतृत्व के बीच समन्वय की कमी ने हालात बिगाड़े:
- चेतावनी मिलने के बावजूद पर्याप्त सैन्य तैयारियां नहीं की गईं
- कुछ विशेषज्ञ मानते हैं कि सरकार ने चेतावनी को गंभीरता से नहीं लिया
- सुरक्षा एजेंसियों के बीच सूचना साझा करने में देरी हुई
🕵️ 4. इजरायल की रणनीतिक चालाकी
इजरायल ने इस हमले की योजना बहुत ही गोपनीय तरीके से बनाई:
- विमानों को रेडार की पकड़ से बाहर रखने के लिए जटिल मार्गों का इस्तेमाल किया गया
- कुछ मिसाइलें समुद्र से और कुछ ड्रोन जॉर्डन व इराक के एयरस्पेस से आईं
- कई नकली संकेतों के जरिए ईरान को गुमराह किया गया
🌍 5. भू-राजनीतिक अकेलापन
ईरान को इस समय अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ज्यादा समर्थन नहीं मिला:
- रूस और चीन जैसे सहयोगी देश सिर्फ “चिंता” जताते नजर आए
- अमेरिका ने स्पष्ट किया कि वह इस हमले में शामिल नहीं था
- संयुक्त राष्ट्र की प्रतिक्रिया भी सीमित रही
🤔 अब आगे क्या?
- ईरान ने “कड़ा जवाब” देने की बात कही है
- क्षेत्रीय तनाव चरम पर है
- सुरक्षा विशेषज्ञ मानते हैं कि ईरान अब अपनी वायु रक्षा को उन्नत करेगा
- साइबर सुरक्षा और इंटेलिजेंस के क्षेत्र में सुधार की उम्मीद की जा रही है