
इज़राइल की सैन्य रणनीति “Operation Rising Lion” के दौरान एक ड्रोन हमला हुआ, जिसमें एक वरिष्ठ ईरानी परमाणु वैज्ञानिक और उनकी 11 परिवार के सदस्यों की हत्या हो गई। इस हमले को इज़राइल की एक ‘टारगेट ऑप्रेशन’ बताया जा रहा है जिसका उद्देश्य ईरान के परमाणु कार्यक्रम को ठेस पहुंचाना था।
अभियोग और शिकार की पहचान
- इस हमले में लक्ष्य ईरान के उस वैज्ञानिक पर था जो हथियार सिस्टम और नाभिकीय अनुसंधान से जुड़ा था। इज़राइल का दावा है कि यह बेलगाम परमाणु गतिविधियों के खिलाफ एक तार्किक कार्रवाई थी।
रणनीति और तकनीक
- इज़राइल ने इस ऑपरेशन में ड्रोन स्ट्राइक और बन्दूकधारी हमलावरों का सहारा लेकर वैज्ञानिक के घर तक घुसपैठ की। एक ड्रोने ट्रिगर सिस्टम के ज़रिए हमले को अंजाम दिया गया था।
- इसका मकसद ईरान की रक्षा एवं परमाणु क्षमताओं को कमजोर करना और आतंरिक वैज्ञानिक नेटवर्क को बाधित करना था।
अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया
- ईरान ने इसे एक “राज्य-पक्षीय आतंक” बताया और अंतरराष्ट्रीय समुदाय से कड़ी निंदा की अपील की। राष्ट्रपति रूहानी वायदा कर चुके हैं कि न्याय मिलकर रहेगा।
- संयुक्त राष्ट्र ने विस्तार से जांच और संयम की अपील की, किसी प्रकार की अस्थिरता से बचने की सलाह दी।