
जापान की रक्षा मंत्री ने 24 जून, 2025 को घोषणा की कि देश ने पहली बार अपनी ही सीमा के अंदर, हाइपरसोनिक क्षमताओं वाली मिसाइल का परीक्षण किया है। यह कदम देश की बढ़ती सैन्य क्षमता एवं आत्मरक्षा नीति को दर्शाता है ।
मुख्य तथ्य:
- परीक्षण में Hyper Velocity Gliding Projectile (HVGP) मिसाइल शामिल थी, जो सतह से जहाज तक मार करने में सक्षम, हाइपरसोनिक ग्लाइड व्हीकल है ।
- मिसाइल का विकास 2018 में शुरू हुआ, और पहले मॉस प्रोडक्शन 2023 में शुरू हुआ था; इसका पहला बैच 2026 में तैनात होने की योजना है ।
- इस कदम का मकसद है चीन व उत्तर कोरिया की तेजी से विकसित होती मिसाइल क्षमताओं के सामने हिम्यात्मक जवाब देना ।
- जापान दूरस्थ क्षमताओं (300–900 मील तक) वाली मिसाइलों का विकास कर रहा है, जिसमें अमेरिकी टॉमहॉक और Type‑12 मिसाइलों की रेंज बढ़ाने की रणनीति शामिल है ।
- इस टेस्ट के साथ जापान पहली बार अपनी जमीन से ही हाइपरसोनिक मिसाइल परीक्षण को सफलतापूर्वक संपन्न कर रहा है — पहले सभी परीक्षण विदेशों में होते थे ।
🌏 रणनीतिक विश्लेषण:
- हाइपरसोनिक मिसाइलें Mach 5+ की गति और चुनिंदा उड़ान पथ के ख़ासियतों से लैस होती हैं, जिससे पारंपरिक रडार और मिसाइल डिफेंस सिस्टम उन्हें आसानी से ट्रैक नहीं कर पाते ।
- जापान की यह पहल आत्मरक्षा नीति के तहत ‘काउंटर-स्ट्राइक’ क्षमता विकसित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जो राष्ट्रीय सुरक्षा रणनीति में 2022 में शुरू हुआ।
- इस क्षेत्र में चीन और रूस पहले से सक्रिय हैं, और अब जापान की भागीदारी से पूर्व एशिया में मिसाइल दौड़ और तेज हो सकती है ।