
“श्रमिक मध्य प्रदेश को गढ़ने वाले सच्चे सेवक हैं, उनकी मेहनत ही विकास की बुनियाद”
भोपाल — मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने मंगलवार को एक बार फिर राज्य के श्रमिकों (workers) की मेहनत और योगदान को सराहते हुए कहा कि असंगठित क्षेत्र के श्रमिक, गिग वर्कर्स और पारंपरिक मजदूर ही मध्य प्रदेश के विकास की मूल बुनियाद हैं। उन्होंने यह बात मुख्यमंत्री जनकल्याण (संबल 2.0) योजना के तहत श्रमिक हितग्राहियों को आर्थिक सहायता राशि के वितरण कार्यक्रम में कही, जिसमें प्रदेश के 55 जिलों के 7,227 श्रमिक परिवारों के बैंक खातों में 160 करोड़ रुपये की सहायता राशि हस्तांतरित की गयी। मुख्यमंत्री ने यह भी भरोसा दिलाया कि सरकार हर परिस्थिति में मजदूरों के साथ खड़ी है और उन्हें सहायता एवं सम्मान प्रदान करती रहेगी।
डॉ. मोहन यादव ने कार्यक्रम में कहा कि सामजिक सुरक्षा और आर्थिक स्थिरता की ओर सरकार ने कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं, जिनसे सबसे पिछड़े और असहाय श्रमिक वर्ग को आत्मनिर्भरता और सम्मान मिल रहा है। उन्होंने बताया कि संबल योजना के तहत अब तक 7.76 लाख से अधिक प्रकरणों में लगभग 7,383 करोड़ रुपये की सहायता राशि वितरित की जा चुकी है, जिससे गरीब, लाचार और असंगठित श्रमिक परिवारों को राहत मिली है। योजना में अब गिग व प्लेटफॉर्म वर्कर्स को भी शामिल किया गया है, जो आज के बदलते श्रम स्वरूप का प्रतिनिधित्व करते हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि श्रमिकों के स्वास्थ्य की चिंता को ध्यान में रखते हुए संबल योजना को आयुष्मान भारत योजना से जोड़ा गया है, ताकि हितग्राही अब 5 लाख रुपये तक का निःशुल्क इलाज भी प्राप्त कर सकें। उन्होंने जोर देकर कहा कि यह योजना अब केवल आर्थिक मदद का माध्यम ही नहीं है, बल्कि श्रमिक परिवारों के लिए सामाजिक सुरक्षा, सम्मान और आत्मनिर्भरता का प्रतीक बन चुकी है।
सीएम मोहन यादव ने यह भी कहा कि प्रदेश सरकार गरीबों, श्रमिकों और जरूरतमंदों के सुख-दुख में सदैव साथ खड़ी है और समय-समय पर उनके जीवन स्तर को सुधारने के लिए नीतियाँ लागू करती रहेगी। उन्होंने श्रमिक समुदाय से अपील की कि वे खुद को कभी असहाय न समझें, क्योंकि सरकार उनके साथ हर संकट में खड़ी है और उन्हें सफल एवं सम्मानजनक जीवन की दिशा में आगे बढ़ाने का संकल्प लेती है।
यह आयोजन ऐसे समय पर हुआ है जब मध्य प्रदेश सरकार श्रमिकों के हित और कल्याण को लेकर कई योजनाओं को सुदृढ़ कर रही है। श्रमिक हितों को ध्यान में रखकर योजनाओं में विस्तार करने से बड़ी संख्या में मजदूरों का आर्थिक सशक्तिकरण और सामाजिक सुरक्षा सुनिश्चित करने में मदद मिल रही है, जिस पर मुख्यमंत्री ने स्वयं सरकार की प्रतिबद्धता जताई।
सरकार ने श्रमिकों के लिए सामाजिक सुरक्षा नेटवर्क को मजबूत करने के लिए विभिन्न मंचों पर संवाद और नीति-निर्माण गतिविधियाँ भी जारी रखी हैं। इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश विकास की राह पर है और इसमें श्रमिकों का योगदान निहायत महत्वपूर्ण रहा है। उनकी यह मेहनत ही मध्य प्रदेश को आज नई पहचान और प्रगति के पथ पर अग्रसर कर रही है।
इस तरह मुख्यमंत्री मोहन यादव के इन बयानों और योजनाओं के माध्यम से यह स्पष्ट संदेश गया है कि श्रमिकों को सिर्फ कामगार नहीं बल्कि राज्य निर्माण के ‘सच्चे सेवक’ के रूप में देखा जा रहा है, जिनकी मेहनत से ही मध्य प्रदेश की प्रगति की नींव मजबूत हुई है।



