
उत्तर प्रदेश की एंटी टेररिस्ट स्क्वाड (एटीएस) ने बलरामपुर और लखनऊ में बड़े पैमाने पर चल रहे अवैध धर्मांतरण रैकेट का पर्दाफाश करते हुए इसके मुख्य सरगना जमालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा और उनकी सहयोगी नीतू उर्फ नसरीन को गिरफ्तार किया है। जांच में पता चला है कि नीतू ने छांगुर बाबा के साथ मिलकर करोड़ों की संपत्ति अपने नाम कर रखी है।
नीतू का असली नाम नीतू रोहरा है और वह मुंबई के सिंधी परिवार से संबंध रखती हैं। उन्होंने धर्म परिवर्तन कर नसरीन नाम अपनाया। उनके पति नवीन रोहरा ने भी नाम बदलकर जालालुद्दीन रख लिया। एटीएस की जांच में पता चला कि यह गिरोह गरीब हिंदू परिवारों को आर्थिक सहायता और झूठे चमत्कार के लालच में फंसाकर धर्म परिवर्तन करवाता था। आरोप है कि जाति के अनुसार लड़कियों से 8 से 16 लाख रुपए वसूले जाते थे।
नीतू और छांगुर बाबा ने दुबई समेत खाड़ी देशों में कई बार यात्रा की और विदेशी फंडिंग भी प्राप्त की। उनके नाम पर बलरामपुर में अवैध कोठी मिली जिसकी कीमत लगभग 12 करोड़ रुपये आंकी गई है। प्रशासन ने इसे बुलडोजर से ध्वस्त कर दिया है।
एटीएस को बैंक खातों में करीब 40 खातों के जरिए लगभग 100 करोड़ रुपए के वित्तीय लेन-देन की जानकारी मिली है। अब प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) मनी लॉन्ड्रिंग की जांच करेगा।
इस मामले की गंभीरता को देखते हुए हाईकोर्ट ने नीतू की एफआईआर रद्द करने की अपील को खारिज कर दिया।
एटीएस ने अन्य संदिग्धों की गिरफ्तारी के लिए जांच जारी रखी है और विदेशी खातों पर कड़ी नजर रखी जा रही है। प्रशासन ने अवैध निर्माणों पर भी बुलडोजर चलाकर कड़ी कार्रवाई की है।
नीतू उर्फ नसरीन छांगुर बाबा के अवैध रैकेट में मुख्य भूमिका निभा रही हैं। गिरफ्तारियों और संपत्ति जब्ती के बाद अब मामले की कानूनी कार्रवाई और गहन जांच शुरू हो चुकी है।