
संयुक्त राज्य अमेरिका स्थित सेमीकंडक्टर कंपनी NVIDIA ने बुधवार (29 अक्टूबर 2025) को इतिहास रचते हुए $5 ट्रिलियन (लगभग 5 हज़ार अरब डॉलर) से अधिक का बाज़ार पूँजीकरण हासिल किया है, जिससे यह पहली ऐसी कंपनी बनी जिसने इस स्तर को पार किया हो।
इस बड़ी छलांग का कारण इसके इक्का-दुक्का उत्पाद और सेवाएँ नहीं, बल्कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के तीव्र विकास के बीच इसके चिप्स की भारी मांग रही है। NVIDIA ने विशेष रूप से उच्च-प्रदर्शन ग्राफ़िक्स प्रोसेसिंग यूनिट (GPU) और AI ट्रेनिंग / डेटा-सेंटर चिप्स बनाए हैं, जो आजकल भाषा-मॉडल, इमेज-जनरेशन और बड़े स्केल AI इंफ्रास्ट्रक्चर की रीढ़ बन चुके हैं।
कंपनी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी Jensen Huang ने हाल ही में घोषणा की थी कि अगले चार वर्षों में NVIDIA को लगभग $500 बिलियन के AI-चिप ऑर्डर्स मिल चुके हैं और वह अमेरिका के ऊर्जा विभाग के लिए सात सुपरकंप्यूटर भी बनाएगा।
यह जानकारी निवेशकों के बीच काफी उत्साह जगाने वाली रही, जिसके परिणामस्वरूप कंपनी के शेयर में अच्छी तेजी आई। साथ ही, कंपनी की इस छलांग ने “AI बूम” कहे जा रहे दौर में टेक-सेक्टर की स्थिति और उसकी चुनौतियों दोनों को फिर से सामने रखा है।
यह मील-का-पत्थर सिर्फ एक कंपनी के लिए नहीं बल्कि तकनीकी परिवर्तन और बाज़ार की धारणा के लिए भी चीह्नित है — जब GPU और AI हार्डवेयर Gaming से निकलकर Data-Centres, क्लाउड-AI, ऑटोनॉमस वाहन व रोबोटिक्स तक पहुँच गए हैं, तब NVIDIA जैसी कंपनियों का केन्द्र-बिंदु बन जाना स्वाभाविक था।



