
1. पुल दुर्घटना पर उठे सवाल
- पुणे के मावळ क्षेत्र में इंद्रायणी नदी पर बना फुटब्रीज 15 जून 2025 को भारी भीड़ और गढ़-उत्तरी हालत के कारण धराशायी हो गया। प्रारंभिक आंकड़ों के अनुसार इस दुर्घटना में 4 लोग मारे गए और 51 घायल हुए। 38–125 लोग पुल पर मौजूद थे—पूरी जांच चल रही है।
- उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने पुल की आयु (लगभग 30 वर्ष) और जंग लगी हालत का उल्लेख करते हुए आरोप लगाया कि समय से मरम्मत कार्य शुरू नहीं किए गए थे ।
2. उद्धव ठाकरे का आरोप: सरकार ने लापरवाही बरती
- उद्धव ठाकरे ने वर्तमान सरकार पर आरोप लगाया कि पुल को “उपयुक्त सुरक्षा” स्तर तक मरम्मत नहीं किया गया, जबकि पूर्व सरकार ने काम रोक दिए थे। उन्होंने इसे “विकास नहीं—विघात” करार दिया ।
3. मनवाड़ा (“Stay”) हटाए जाने का संदर्भ
- उद्धव ने कहा कि जब वे सत्ता में थे, तो उन्होंने नदी के आसपास जो अंतरिम रोक (stay) लगाई थी, उसे वर्तमान सरकार ने हटा दिया। इस हठ के कारण नदी किनारे कार्य शुरू हो गए, जिससे संरचनात्मक अस्थिरता आई ।
4. राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप
- उद्धव ने भाजपा और केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि पुणे के मामले में जो काम राज्य सरकार ने रोक रखा था, उसकी जिम्मेदारी केंद्र की भी है। उन्होंने कहा—“बजर than development, it’s wreckage,” और जनता को जागरूक रहने का आह्वान किया ।
🧠 विश्लेषण
- सुरक्षा तंत्र का अभाव: पुल जंग से बुरी तरह प्रभावित था, तब भी मरम्मत में देरी हुई — यह प्रशासन की प्रमुख चूक है।
- राजनीतिक पहलू: उद्धव यह दिखाना चाहते हैं कि स्थानीय सरकार ही नहीं, बल्कि भाजपा और उनके सहयोगी विकास कार्यों को राजनीतिक आधार पर रोक रहे हैं।
- जन-जागरूकता की अपील: उन्होंने पुणेकरों को बताया कि जब ये संरचनाएँ “विकास नहीं—विघात” करती हैं, तो जनता को सक्रिय होना चाहिए।
✅ निष्कर्ष
उद्धव ठाकरे ने पुल दुर्घटना को सिर्फ़ एक हादसा नहीं बल्कि सुशासन की बड़ी विफलता बताया। उनका मानना है कि जब रोक थीं, तब मरम्मत शुरू नहीं की गयी, और अब परिणाम भयावह सामने है। यह मामला विकास बनाम सुरक्षा, राजनीति बनाम व्यवस्था और जनता की जागरूकता बनाम लापरवाही की दिशा में एक चेतावनी है।