
रूस के राष्ट्रपति Vladimir Putin ने भारत आने से ठीक पहले Aaj Tak को दिए अपने एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में कहा है कि उन्होंने लंबे समय पहले ही G8 (ग्रुप ऑफ एट) की बैठकों में जाना बंद कर दिया था, क्योंकि उनका मानना है कि “महान ताकतों” का यह समूह अब बदलते वैश्विक आर्थिक व भू-राजनीतिक परिदृश्य को दर्शाता नहीं।
पुतिन ने कहा कि आज की दुनिया में उन मंचों (जैसे G8) की प्रासंगिकता कम हो गई है, जबकि नए प्लेटफार्म जैसे BRICS, SCO और G20 अधिक सक्रिय और प्रभावी बनकर उभरे हैं — इसलिए रूस अपनी प्राथमिकता उन्हीं पर दे रहा है।
उन्होंने यह भी कहा कि भारत आज आर्थिक रूप से दुनिया की तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था है — और ऐसे में G8 जैसे मंच यह तय नहीं कर सकते कि कौन “बड़ा” है।
पुतिन के इस बयान का राजनीतिक और कूटनीतिक मतलब साफ है: रूस पुराने ग्लोबल पावर ढांचे (G8-G7) से खुद को जोड़ने की बजाय, अपने रणनीतिक सहयोग को उन दलों के साथ देखना चाहता है, जो बदलते विश्व आर्थिक और राजनीतिक समीकरणों में बढ़ती भूमिका निभा रहे हैं।
उनके अनुसार, बदलते समय की मांग है कि देश अपनी साझेदारियों और गठबंधनों की दिशा फिर से तय करें — और रूस के लिए, भारत के साथ उसकी दोस्ती व साझेदारी इस नई दिशा की सबसे अहम नींव है।



