
पाकिस्तान ने एक बार फिर आतंकवाद पर दोहरा रवैया अपनाते हुए “द रेजिस्टेंस फ्रंट” (TRF) और लश्कर-ए-तैयबा के बीच किसी भी तरह के संबंध से इनकार किया है। यह बयान ऐसे समय आया है जब अमेरिका ने हाल ही में TRF को एक वैश्विक आतंकी संगठन घोषित कर दिया है। TRF पर कश्मीर में हालिया पहलगाम हमले समेत कई आतंकी घटनाओं को अंजाम देने का आरोप है।
अमेरिका के इस फैसले के बाद पाकिस्तान पर अंतरराष्ट्रीय दबाव बढ़ गया है। अमेरिकी सीनेटर मार्को रुबियो ने इस विषय को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में भी उठाया है, जिससे पाकिस्तान की कूटनीतिक मुश्किलें और बढ़ गई हैं।
पाक विदेश मंत्री इशाक डार ने अमेरिकी अधिकारियों के साथ हुई बैठक में TRF को लेकर दिए गए बयानों को “राजनीतिक एजेंडे” का हिस्सा बताया और कहा कि पाकिस्तान आतंकवाद के खिलाफ कड़ा रुख रखता है। उन्होंने दावा किया कि TRF और लश्कर-ए-तैयबा के बीच कोई प्रत्यक्ष संबंध नहीं है।
गौरतलब है कि TRF को लश्कर-ए-तैयबा का छद्म संगठन माना जाता है, जो जम्मू-कश्मीर में भारतीय सुरक्षा बलों और नागरिकों पर हमले करता रहा है। अमेरिकी खुफिया एजेंसियों और भारत की राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने इस संगठन को सीधे लश्कर से जुड़ा बताया है।
इस घटनाक्रम ने एक बार फिर पाकिस्तान की आतंकवाद को लेकर कथनी और करनी में अंतर को उजागर कर दिया है। भारत पहले ही पाकिस्तान पर आतंकियों को पनाह देने और उन्हें सीमा पार हमलों के लिए इस्तेमाल करने का आरोप लगाता रहा है।