Advertisement
लाइव अपडेटविश्व
Trending

मोदी और ट्रम्प का “बहुत-बहुत सकारात्मक” रिश्ता

Advertisement
Advertisement

एक वरिष्ठ अमेरिकी राज्य विभाग अधिकारी ने सोमवार को कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प और भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच संबंध “बहुत, बहुत सकारात्मक” हैं और दोनों जल्द ही आमने-सामने मिलेंगे — संभवतः इस वर्ष के अंत तक या 2026 की शुरुआत में। यह बयान ऐसे समय पर आया है जब भारत और अमेरिका के बीच व्यापार, ऊर्जा और रणनीतिक साझेदारी की चुनौतियाँ बढ़ रही हैं।

अमेरिकी अधिकारी ने यह स्पष्ट किया कि उन्होंने “इन्क्रेडिबली उत्पादक” वस्रेशन का उपयोग करते हुए कहा कि दोनों देशों के बीच बातचीत और परामर्श पहले की तरह जारी हैं और आगे भी “लगातार सकारात्मक विकास” होने की उम्मीद है। उन्होंने यह भी कहा कि यदि इस साल नहीं हो पाया तो यह बैठक “आगामी साल की शुरुआत” में तय होगी।

इन सबके बीच, अंतरराष्ट्रीय परिदृश्य में एक बड़ा अवसर इस बात का है कि भारत ने अगला क्वाड (Quad) शिखर सम्मेलन आयोजित करने की जिम्मेदारी ली है। इस शिखर सम्मेलन में अमेरिका, भारत, ऑस्ट्रेलिया और जापान की भागीदारी है, और यह उम्मीद की जा रही है कि ट्रम्प-मोदी की मुलाकात इस सम्मेलन के आसपास हो सकती है।

हालाँकि, इस मैत्री के पीछे जटिल विषय भी हैं। अधिकारी ने स्वीकार किया कि दोनों देशों के बीच मतभेद भी मौजूद हैं — विशेषकर व्यापार नीतियों और भारत की रूसी तेल खरीद के मामलों में। यह तनाव कई महीनों से जारी है, और अमेरिकी सरकार ने भारत के खिलाफ विनिमय बाजारों में ऊँची दरों (tariffs) लगाने की चेतावनियाँ दी हैं।

इसके अलावा, ट्रम्प ने हाल ही में मोदी के 75वें जन्मदिन पर कॉल कर शुभकामनाएँ दी थीं, और अधिकारियों ने इसे भी सकारात्मक संकेत माना है। एक और महत्वपूर्ण विषय यह है कि अमेरिका ने सर्जियो गोर को भारत में अपना राजदूत नामित किया है — माना जा रहा है कि वे जल्द ही कार्यभार ग्रहण करेंगे। अमेरिका के इस कदम को यह संदेश माना जा रहा है कि वह भारत के साथ संबंधों को और मजबूत करना चाहता है।

भारत की ओर से, प्रधानमंत्री मोदी ने भी पहले ही कहा है कि वे ट्रम्प की मित्रता और भावनाओं को पूरी तरह से “पुनर्याप्त” (fully reciprocate) करते हैं। लेकिन भारत ने यह भी स्पष्ट किया है कि किसी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता पाकिस्तान-भारत विवादों में स्वीकार नहीं होगी।

अगले कुछ महीनों में यह देखना होगा कि यह अपेक्षित मुलाकात कैसे तय होती है, किन विषयों पर दोनों नेता चर्चा करेंगे, और किस तरह से इस मुलाकात का असर दोनों देशों के बीच रणनीतिक, व्यापारिक और राजनयिक रिश्तों पर पड़ेगा।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
YouTube
LinkedIn
Share