
अमेरिका ने रविवार देर रात एक बेहद गोपनीय और आक्रामक सैन्य कार्रवाई के तहत ईरान के तीन प्रमुख परमाणु ठिकानों – फोर्डो (Fordow), नतान्ज़ (Natanz) और इस्फ़हान (Isfahan) – को केवल 25 मिनट में ध्वस्त कर दिया। इस ऑपरेशन को ‘ऑपरेशन मिडनाइट हैमर’ नाम दिया गया और यह पूरी तरह से अमेरिकी सेना द्वारा अंजाम दिया गया।
ऑपरेशन की रणनीति
इस हमले में अमेरिका ने अपने अत्याधुनिक B-2 स्टील्थ बॉम्बर्स, टॉमहॉक क्रूज़ मिसाइलें (जो पनडुब्बियों से दागी गईं) और Massive Ordnance Penetrators (MOPs) का इस्तेमाल किया, जिन्हें खास तौर पर ज़मीन के नीचे बने मजबूत बंकरों को नष्ट करने के लिए बनाया गया है। सूत्रों के अनुसार, हमले से पहले अमेरिकी खुफिया एजेंसियों ने महीनों तक ईरान की गतिविधियों पर निगरानी रखी।
ईरान का पलटवार और चेतावनी
हमले के बाद ईरान ने अमेरिका की इस कार्रवाई को “खुला युद्ध अपराध” बताया और “गंभीर परिणाम” भुगतने की चेतावनी दी। ईरान की रिवोल्यूशनरी गार्ड्स ने जवाबी कार्रवाई में इज़राइल पर कुछ मिसाइलें दागीं, जिससे पूरे पश्चिम एशिया में तनाव और बढ़ गया है।
अमेरिका का बयान
अमेरिकी रक्षा विभाग के अनुसार, यह ऑपरेशन ईरान के परमाणु हथियार कार्यक्रम को रोकने और क्षेत्रीय स्थिरता बनाए रखने के लिए किया गया। अमेरिकी रक्षा मंत्री ने इसे “साहसी और सटीक कार्रवाई” बताते हुए कहा कि इसका उद्देश्य ईरान की सत्ता को बदलना नहीं है, बल्कि संभावित परमाणु खतरे को टालना है।
वैश्विक प्रतिक्रिया
- भारत, फ्रांस, और जर्मनी जैसे देशों ने संयम बरतने की अपील की है।
- संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की आपात बैठक बुलाई गई है।
- तेल की कीमतों में भारी उछाल दर्ज किया गया है।