
अमेरिका द्वारा ईरान के परमाणु ठिकानों पर किए गए बड़े हमलों के बाद पश्चिम एशिया में तनाव चरम पर पहुंच गया है। इस बीच ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्लाह अली खामेनेई ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से खुलकर सहयोग मांगा है। उन्होंने मास्को के लिए एक विशेष दूत भेजकर पुतिन तक एक अहम संदेश पहुंचाया है।
क्या है पूरा मामला?
बीते हफ्ते अमेरिका ने ईरान के कुछ प्रमुख परमाणु स्थलों पर हमला किया, जिसे लेकर तेहरान में जबरदस्त गुस्सा है। खामेनेई ने इसे “दुश्मनों की सबसे बड़ी गलती” बताया और साफ कर दिया कि इसका जवाब ज़रूर दिया जाएगा। उन्होंने अमेरिका और इज़राइल पर सीधा हमला बोलते हुए रूस से इस मोर्चे पर ठोस समर्थन की मांग की है।
मास्को को भेजा गया विशेष संदेश
खामेनेई ने ईरानी राजनयिक अब्बास अरकाची को मास्को भेजा है। अरकाची पुतिन से मुलाकात कर उन्हें खामेनेई का विशेष पत्र सौंपेंगे। इस पत्र में रूस से ईरान के लिए सैन्य और रणनीतिक सहयोग बढ़ाने का आग्रह किया गया है।
रूस की प्रतिक्रिया क्या रही?
रूस की ओर से अभी तक अमेरिकी हमले पर सीधी प्रतिक्रिया नहीं आई है। हालांकि, क्रेमलिन ने इज़राइल की निंदा करते हुए शांति की अपील जरूर की है। सूत्रों के मुताबिक, पुतिन इस मामले में संतुलन बनाए रखने की कोशिश कर रहे हैं क्योंकि रूस पहले से ही यूक्रेन युद्ध में व्यस्त है।
क्यों बढ़ा है तनाव?
- अमेरिका का कहना है कि ईरान अपने परमाणु कार्यक्रम को लेकर पारदर्शी नहीं है।
- इज़राइल ने भी ईरान पर ‘प्रत्यक्ष खतरे’ का आरोप लगाते हुए कार्रवाई की पैरवी की थी।
- जवाब में ईरान अब रूस और चीन जैसे साझेदारों के साथ गहरे गठबंधन की ओर बढ़ रहा है।