
भारत अपनी सैन्य क्षमताओं को और भी सशक्त बनाने के लिए नई पीढ़ी के अत्याधुनिक हथियारों का विकास कर रहा है। ये हथियार न केवल पाकिस्तान और चीन के लिए चुनौती पेश करेंगे, बल्कि भारत को वैश्विक रक्षा मंच पर एक प्रमुख शक्ति के रूप में स्थापित करेंगे।
1. ब्रह्मोस-2 (BrahMos-II):
भारत और रूस के संयुक्त प्रयास से विकसित ब्रह्मोस-2 एक हाइपरसोनिक क्रूज मिसाइल है, जो ध्वनि की गति से 8 गुना तेज़ गति से उड़ान भर सकती है। इसकी रेंज लगभग 1500 किलोमीटर है और यह समुद्र, वायु, भूमि और पनडुब्बी से लॉन्च की जा सकती है।
2. हाइपरसोनिक ग्लाइड व्हीकल (HGV):
यह मिसाइल प्रणाली 5,500 किलोमीटर तक की रेंज और 20 से 21 मच की गति से दुश्मन के ठिकानों को सटीकता से नष्ट करने में सक्षम है।
3. हाइपरसोनिक टेक्नोलॉजी डेमोंस्ट्रेटर व्हीकल (HSTDV):
डीआरडीओ द्वारा विकसित यह वाहन हाइपरसोनिक उड़ान के लिए एक प्लेटफॉर्म प्रदान करता है, जो भविष्य में हाइपरसोनिक और लंबी दूरी की क्रूज मिसाइलों के लिए आधार बनेगा।
4.डायरेक्टेड एनर्जी वेपन्स (Directed Energy Weapons – DEW)
भारत का उद्देश्य DEW प्रणालियों को अपनी सैन्य रणनीति का अभिन्न हिस्सा बनाना है। DRDO (Defence Research and Development Organisation) द्वारा विकसित ये प्रणालियाँ न केवल हवाई खतरों को नष्ट करने में सक्षम हैं, बल्कि ये भविष्य में अंतरिक्ष युद्ध और साइबर सुरक्षा में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती हैं।
5.हल्का टैंक ‘जोरावर’
भारत की सेना ने अपनी सैन्य क्षमताओं को और सशक्त बनाने के लिए हल्के टैंक ‘जोरावर’ को विकसित किया है। यह टैंक विशेष रूप से उच्च ऊंचाई वाले क्षेत्रों, जैसे लद्दाख, में तैनाती के लिए डिज़ाइन किया गया है। ‘जोरावर’ भारतीय सेना की रणनीतिक जरूरतों को पूरा करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है।
इन अत्याधुनिक हथियारों के विकास से भारत की सैन्य ताकत में वृद्धि होगी और यह पाकिस्तान और चीन के लिए एक मजबूत संदेश होगा कि भारत अपनी सुरक्षा को लेकर गंभीर है।
