
भारत ने आतंकवाद के मुद्दे पर पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय मंचों पर बेनकाब करने के लिए एक ऐतिहासिक कदम उठाया है। ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत देश की प्रमुख राजनीतिक पार्टियों के सात सांसदों का एक सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल गठित किया गया है, जो दुनिया भर में जाकर पाकिस्तान द्वारा प्रायोजित आतंकवाद के प्रमाण प्रस्तुत करेगा।
इस प्रतिनिधिमंडल में कांग्रेस के डॉ. शशि थरूर, एनसीपी की सुप्रिया सुले, भाजपा के वरिष्ठ नेता रविशंकर प्रसाद, शिवसेना के एकनाथ शिंदे, डीएमके की कनिमोझी, बीजेडी के पिनाकी मिश्रा, और टीएमसी की ओर से काकोली घोष दस्तीदार शामिल हैं। यह प्रतिनिधिमंडल अमेरिका, ब्रिटेन, जापान, फ्रांस और संयुक्त राष्ट्र जैसे अंतरराष्ट्रीय मंचों पर जाकर आतंकवाद पर भारत के “जीरो टॉलरेंस” रुख को प्रभावी ढंग से रखेगा।
भारत का उद्देश्य: वैश्विक समर्थन जुटाना
‘ऑपरेशन सिंदूर’ सिर्फ एक कूटनीतिक पहल नहीं है, यह भारत की एकजुटता और आतंक के खिलाफ उसकी निर्णायक नीति का प्रमाण है। प्रतिनिधिमंडल आतंकवाद के मुद्दे पर भारत की पीड़ा, सुरक्षाबलों की शहादत, और पाकिस्तान के आतंकी नेटवर्क को संरक्षण देने की नीति का विश्व स्तर पर पर्दाफाश करेगा।
राजनीतिक एकता की अनूठी मिसाल
इस अभियान की खास बात यह है कि यह राजनीतिक मतभेदों से ऊपर उठकर राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए एकजुट प्रयास है। केंद्र सरकार द्वारा गठित यह प्रतिनिधिमंडल न केवल भारत की विदेश नीति को सशक्त बनाएगा, बल्कि विश्व पटल पर आतंक के खिलाफ एकजुट भारत की छवि भी प्रस्तुत करेगा।
आगे की रणनीति
प्रतिनिधिमंडल की यात्राएं जून से शुरू होंगी, जिसमें वे विभिन्न अंतरराष्ट्रीय थिंक टैंक, मानवाधिकार संगठनों, मीडिया संस्थानों और राजनीतिक प्रतिनिधियों से मिलेंगे। इसका मकसद है — भारत के खिलाफ फैलाए जा रहे दुष्प्रचार का जवाब तथ्यों के साथ देना और पाकिस्तान के दोहरे रवैये को दुनिया के सामने लाना।