
ट्रंप प्रशासन और अमेरिका की प्रतिष्ठित हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के बीच जारी टकराव एक गंभीर मोड़ पर पहुंच गया है। अमेरिकी आंतरिक सुरक्षा विभाग (DHS) द्वारा जारी एक पत्र में हार्वर्ड का विदेशी छात्रों को दाखिला देने का प्रमाणन तत्काल प्रभाव से रद्द कर दिया गया है। इस निर्णय से करीब 6,800 अंतरराष्ट्रीय छात्र प्रभावित होंगे, जिनमें 788 भारतीय छात्र शामिल हैं।
प्रशासन का तर्क है कि हार्वर्ड ने “राष्ट्रविरोधी विचारधारा” और यहूदी विरोधी भेदभाव को रोकने में विफलता दिखाई है। DHS की सचिव क्रिस्टी नोएम ने स्पष्ट किया है कि यह बदलाव शैक्षणिक सत्र 2025-26 से लागू होगा। इससे मौजूदा छात्र अपनी पढ़ाई पूरी कर सकेंगे, लेकिन नए दाखिले रोक दिए जाएंगे।
भारत सरकार और शैक्षणिक संगठनों ने इस पर चिंता जताई है और विकल्प तलाशने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। छात्रों को सलाह दी गई है कि वे वैकल्पिक संस्थानों की खोज करें या अपने कानूनी स्थिति के अनुसार कदम उठाएं।
हार्वर्ड यूनिवर्सिटी ने इस फैसले को “गैरकानूनी और शिक्षा की स्वतंत्रता पर हमला” बताया है और इसे अदालत में चुनौती देने की तैयारी की है।
