
📰 पूरी खबर (News in Hindi):
ISRO ने शुभांशु शुक्ला और तीन अन्य अंतरिक्ष यात्रियों को अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन (ISS) ले जाने वाले Axiom‑4 मिशन में महत्वपूर्ण प्रोपल्शन असुरक्षा का पता लगाया। SpaceX के Falcon‑9 रॉकेट के बूस्टर चरण के “हॉट टेस्ट” के दौरान लिक्विड ऑक्सीजन (LOx) में रिसाव पाया गया, जिससे मिशन को तत्काल रोककर रॉकेट की मरम्मत का आदेश दिया गया ।
ISRO के अध्यक्ष डॉ. वी नारायणन ने विशेष रूप से इस कदम की सराहना की और कहा कि यह “एक अच्छा निर्णय” था क्योंकि रॉकेट पूरी तरह से सुरक्षित नहीं था, सो तेज़ी में लॉन्च करना जोखिम भरा हो सकता था। SpaceX के इंजीनियरों ने संकेत दिया कि LOx लीक और बूस्टर इंजन के “थ्रस्ट वेक्टर कंट्रोल” में समस्या भी पाई गई है, जिन्हें अभी ठीक किया जा रहा है ।
इस दुर्घटना टालने की वजह से शुभांशु शुक्ला का मिशन—अब तक पांचवीं बार स्थगित—अभी भी लांचिंग के लिए तैयार नहीं है। ISRO और SpaceX दोनों ने यह स्पष्ट किया है कि 30 जून तक नई लॉन्च तिथि निर्धारित की जाएगी, लेकिन LOx लीक को पूरी तरह से ठीक किया जाना आवश्यक है ।
🔍 विश्लेषण:
ISRO की सतर्कता और सुरक्षा‑प्रथम रवैये ने तकनीकी चूक को समय रहते पकड़ा और संभावित भ्रंश को टाला। अगर टेस्ट के दौरान यह लीक ध्यान में नहीं आता, तो लॉन्च के समय में इंजन विस्फोट, मिशन विफलता, या आतंरिक दबाव से रॉकेट टूट सकता था। ऐसे मिशनों में हर पार्ट—जैसे हेलियम वाल्व, बूस्टर सिस्टम, LOx इत्यादि—में गुणात्मक जांच ज़रूरी होती है, और इस बार ISRO ने यह सुनिश्चित किया ।
शुभांशु शुक्ला के लिए: यह मिशन भारत के लिए ऐतिहासिक होगा—उन्होंने ISS पर जाने वाले दूसरे भारतीय नागरिक बनने की राह बनाई है। अभूतपूर्व सुरक्षा जांच से यह मिशन न केवल सुरक्षित होगा, बल्कि आने वाले गगनयान मानव मिशन के लिए भी एक मजबूत नींव बनेगा ।