
12 जून 2025 को अहमदाबाद के सादर वल्लभभाई पटेल एयरपोर्ट से लंदन के लिए उड़ान भरते समय एअर इंडिया के फ्लाइट AI‑171 (Boeing 787‑8 Dreamliner) के पायलट ने ATC को बेहद चिंतित संदेश भेजा:
“Thrust not achieved… falling… Mayday! Mayday! Mayday!”
उसके थोड़े ही सेकण्ड बाद विमान सरदार वल्लभभाई मेडिकल कॉलेज के छात्रावास से टकरा गया, जिसमें अब तक 241 यात्रियों व चालकदल, और 38 से अधिक ग्राउंड मृतक शामिल हैं—कुल मिलाकर लगभग 279 जानें गईं ।
✈️ पायलट की अंतिम कॉल की गंभीरता:
- ऑटोमैटिक कैप्शन: इस कॉल में इंजन की थ्रस्ट खोने और विमान के नियंत्रण को खोने की स्पष्ट जानकारी दी गई थी—जो इससे पहले किसी विमान हादसे में सुनने को नहीं मिला ।
- ATC रिस्पॉन्स: MAYDAY के बाद विमान ने कोई उत्तर नहीं दिया; ATC ने कई बार कॉल करने की कोशिश की लेकिन संपर्क टूट गया ।
- तकनीकी संकेत: शुरुआत में विमान थोड़ी ऊँचाई पर था लेकिन अचानक नीचे गिर गया, जिससे इंजन थ्रस्ट या फ्लैप/लैंडिंग गियर सेटअप में गड़बड़ी की आशंका जताई जा रही है ।
🕵️ संभावित कारण:
कारक | विवरण |
---|---|
इंजन थ्रस्ट फेलियर | थ्रस्ट प्राप्त नहीं हुआ—पायलट की कॉल से संकेत मिला |
फ्लैप/गियर सेटअप | विशेषज्ञों का मानना है कि फ्लैप या लैंडिंग गियर की गलत स्थिति उचाई कम होने की वजह बन सकती है |
लंबी रनवे रोल | टेकऑफ़ में रनवे का लंबे समय तक उपयोग—थ्रस्ट में परेशानी का संभावित संकेत |
तकनीकी या रखरखाव संबंधी गड़बड़ | DGCA एयर इंडिया की 787 Boeing में इंजन-सुरक्षा चेक, फ्लैप प्रणाली व ईंधन प्रणाली की जांच करा रही है |
📦 आगे की जांच:
- ब्लैक बॉक्स (Flight & Cockpit Voice Recorder) रेस्क्यू टीम ने वॉच पर पाया है; Cockpit voice recorder अभी लापता है।
- DGCA ने Boeing 787‑8/9 (GE बायोमैक्स इंजन) विमानों की विशेष जांच—इंजन, फ्लैप, गियर और ईंधन प्रणाली पर फोकस तय किया है
- अंतरराष्ट्रीय जांच टीम, UK और US एजेंसियों का सहयोग—विश्लेषण में सहायता कर रही है
🧭 निष्कर्ष:
पायलट की MAYDAY कॉल—“Thrust not achieved… falling…”—ने विमान तकनीकी विफलता की पूरी संभावना जाहिर कर दी। ATC को यह स्पष्ट संकेत था कि विमान पूरी तरह दुर्घटनाग्रस्त होने के कगार पर था। अब जो प्राथमिक जांच के आधार पर सामने आया है, उसमें इंजन एवं टेकऑफ़ सेटअप गड़बड़ी मुख्य फोकस पर है। ब्लैक बॉक्स डेटा और तकनीकी रिपोर्ट आने के बाद ही असली वजह का पता चल सकेगा।
यह दुर्घटना न केवल एयर इंडिया के लिए, बल्कि पूरी ग्लोबल एविएशन इंडस्ट्री के लिए चिंता का विषय है—विशेषकर Boeing 787 भारोत्तोलन में संभावित कमी और रखरखाव रणनीतियों को लेकर।