
कानपुर के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ हरीदत्त नेमी पर जिला अधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह ने सख्त कार्रवाई की है। सीएमओ ऑफिस में निरीक्षण के दौरान मिली भारी लापरवाही और एक वायरल ऑडियो के बाद डॉ नेमी को सस्पेंड कर दिया गया है। इसके साथ ही उनका एक दिन का वेतन भी रोका गया है।
क्या है मामला
फरवरी 2025 में कानपुर के डीएम ने सीएमओ कार्यालय का औचक निरीक्षण किया था। इस दौरान सीएमओ डॉ नेमी समेत 34 कर्मचारी गैरहाज़िर पाए गए। मौके पर दस्तावेजों में भी अनियमितताएं पाई गईं। डीएम ने तत्काल प्रभाव से सभी के खिलाफ वेतन रोकने और विभागीय कार्रवाई की अनुशंसा की।
ऑडियो क्लिप से बढ़ा विवाद
निरीक्षण के बाद एक ऑडियो क्लिप वायरल हुई जिसमें कथित तौर पर सीएमओ और डीएम के बीच बातचीत सुनी जा सकती है। इसमें सीएमओ के जवाब देने का तरीका और लापरवाही साफ झलकती है। इस ऑडियो ने सोशल मीडिया पर भी हलचल मचा दी।
फर्जी मरीज और रजिस्टर में गड़बड़ी
डीएम की रिपोर्ट में यह भी सामने आया कि कई प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर रजिस्टर में फर्जी मरीजों के नाम दर्ज किए गए थे। कुछ केंद्रों में डॉक्टरों की उपस्थिति भी कागजों पर ही दिखाई गई जबकि वे मौके पर नहीं थे। इन गड़बड़ियों की जांच शुरू कर दी गई है और दोषियों पर सख्त कार्रवाई की तैयारी है।
डीएम के नए निर्देश
डीएम ने सभी स्वास्थ्य अधिकारियों को आदेश दिया है कि वे सुबह 10 बजे से दोपहर 12 बजे तक अनिवार्य रूप से कार्यालय में उपस्थित रहें। इसके अलावा सरकारी दवाओं की पारदर्शिता, रजिस्टर में एंट्री और स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार को लेकर भी सख्त दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं।
क्यों है मामला अहम
स्वास्थ्य विभाग में लापरवाही का यह मामला सिर्फ एक अफसर की गैरहाज़िरी तक सीमित नहीं है। यह सीधे तौर पर आम जनता की चिकित्सा सुविधाओं को प्रभावित करता है। ऐसे में डीएम की कार्रवाई एक सख्त संदेश के रूप में देखी जा रही है।