
तेज प्रताप का ऐलान और भविष्य की राह
तेज प्रताप यादव को २५ मई २०२५ को उनके पिताजी और आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने ‘अनुचित व्यक्तिगत व्यवहार’ के आरोप में छह साल के लिए पार्टी से निष्कासित कर दिया और पारिवारिक रिश्ते भी काटे गए। उन्होंने एक सोशल‑मीडिया पोस्ट में कहा था कि वह १२ साल से Anushka Yadav नाम की महिला के साथ रिश्ते में थे, जिसे बाद में उन्होंने हैकिंग बता दिया ।
तेज प्रताप ने अपने पिता‑माँ (लालू‑राबड़ी देवी) से प्रेम की अपील करते हुए लिखा कि उनका “सारा संसार सिर्फ वे दोनों हैं”, उनकी मर्यादा व विश्वाश की आवश्यकता है । साथ ही उन पर कुछ ‘राजनीतिक भक्षक’ द्वारा षड्यंत्र की बात कही ।
इसके बाद, उन्होंने अदालत में निष्कासन को चुनौती देने और ग्यारहगीरों पर कानूनी कार्रवाई करने की बात कही । राज्य सरकार से भी अपनी सुरक्षा बढ़ाने की मांग की, क्योंकि उन्होंने अपनी जान को खतरा बताया ।
पार्टी‑परिवार से अलग होने के बावजूद, वे न तो राजनैतिक रूप से चुप बैठे हैं और न ही जन संपर्क से दूर हैं। पटना में समर्थकों से मिलकर उन्होंने नई योजनाओं पर चर्चा शुरू कर दी है। उन्होंने अखिलेश यादव से भी वीडियो कॉल पर सलाह‑मशविरा किया, और अब हर शाम ‘जनता दरबार’ आयोजित करने का निर्णय लिया है, जो शाम ६ से ८ बजे तक चलेगा ।
हालाँकि, उन्होंने नई पार्टी बनाने की अटकलों का खंडन किया और कहा कि आरजेडी के लिए उनकी दुआएँ हमेशा रहेंगी ।