
दक्षिण एशिया में भारत के प्रभाव को कम करने के लिए पाकिस्तान और चीन ने एक नई रणनीति बनाई है। दोनों देश मिलकर सार्क (SAARC) जैसी एक नई क्षेत्रीय संस्था बनाने की कोशिश कर रहे हैं। इसका मकसद भारत को क्षेत्रीय मामलों में अलग-थलग करना है।
रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान चाहता है कि मौजूदा सार्क संगठन को कमजोर करके एक नया मंच बने जिसमें चीन की भी सदस्यता हो। चीन इसके लिए पूरी तरह तैयार है और आर्थिक मदद का भी वादा कर रहा है।
विशेषज्ञों का मानना है कि सार्क पहले से ही भारत-पाक तनाव के कारण निष्क्रिय पड़ा है। चीन और पाकिस्तान इसी कमजोरी का फायदा उठाकर दक्षिण एशिया में अपनी पकड़ मजबूत करना चाहते हैं।
भारत के लिए यह एक बड़ी चुनौती होगी क्योंकि सार्क में बाकी सदस्य देशों—जैसे नेपाल, श्रीलंका, बांग्लादेश और मालदीव—को भी चीन लुभाने की कोशिश करेगा। भारत को अपनी कूटनीति और क्षेत्रीय सहयोग को और मजबूत करना होगा ताकि पड़ोसी देशों को चीन-पाक गठजोड़ से दूर रखा जा सके।