
ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई ने अमेरिका की उस मांग को सीधे तौर पर “अपमानजनक” करार दिया है, जिसमें ईरान से यूरेनियम का संवर्धन रोकने की मांग की गई थी। खामेनेई ने स्पष्ट किया कि इस तरह की शर्तें ईरान की संप्रभुता का उल्लंघन करती हैं और वे किसी भी देश से परमाणु संवर्धन की अनुमति नहीं लेंगे।
यह बयान तब आया है जब अमेरिका ने ईरान के खिलाफ परमाणु समझौते के लिए यह शर्त रखी है कि ईरान यूरेनियम का संवर्धन रोके, जिससे परमाणु हथियार बनाने की प्रक्रिया रुक सके। हालांकि, ईरान लगातार यह दावा करता है कि उनका परमाणु कार्यक्रम सिर्फ शांतिपूर्ण उद्देश्यों के लिए है और वह परमाणु हथियार नहीं बनाना चाहते।
खामेनेई ने इस मुद्दे पर कहा कि अमेरिका की मांग “अत्यधिक और अस्वीकार्य” है। उनका कहना है कि ईरान ने परमाणु समझौते से बाहर निकलने का फैसला किया क्योंकि अमेरिका ने पहले ही इसका उल्लंघन किया था और अब वह ईरान पर एकतरफा दबाव डालने की कोशिश कर रहा है।
🌍 क्या है अमेरिका का दृष्टिकोण?
अमेरिका का मानना है कि ईरान का यूरेनियम संवर्धन एक दिन परमाणु हथियार बनाने की दिशा में बढ़ सकता है। यही कारण है कि अमेरिका ने ईरान से यह सुनिश्चित करने की मांग की है कि वह किसी भी तरह से परमाणु हथियारों का विकास न करे।
🚨 इससे क्या होगा?
अभी यह स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है, और दोनों देशों के बीच वार्ता की दिशा को लेकर अनिश्चितता बनी हुई है। जबकि ईरान अपनी संप्रभुता और आत्मनिर्भरता पर जोर दे रहा है, वहीं अमेरिका ने ईरान पर दबाव बनाए रखा है। यह जंग न केवल परमाणु समझौते को लेकर है, बल्कि वैश्विक राजनीति और मध्य पूर्व की स्थिति पर भी इसका गहरा असर हो सकता है।