
क्या है मामला?
शंघाई सहयोग संगठन (SCO) की हालिया बैठक में जारी किए गए एक संयुक्त दस्तावेज़ में पाकिस्तान ने “पहलगाम” की जगह “बलूचिस्तान” का ज़िक्र किया, जिससे भारत ने कड़ा ऐतराज़ जताया। भारत ने इस मसौदे पर हस्ताक्षर करने से साफ इनकार कर दिया।
भारत का विरोध क्यों?
भारतीय प्रतिनिधियों ने इस बात पर आपत्ति जताई कि पाकिस्तान ने आतंकवाद के संदर्भ में भारत के कश्मीर क्षेत्र की तुलना अपने अंदरूनी मामलों – खासकर बलूचिस्तान – से करने की कोशिश की। भारत का मानना है कि यह एक कूटनीतिक चाल है जिसका उद्देश्य कश्मीर मुद्दे को अंतरराष्ट्रीय मंच पर पाकिस्तान के पक्ष में उठाना है।
विदेश मंत्रालय की सफाई
भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत ने इस मसौदे की चर्चा में भाग नहीं लिया था, और न ही वह इस दस्तावेज़ से सहमत है। बयान में कहा गया कि भारत अपनी विदेश नीति के स्वतंत्र दृष्टिकोण पर अडिग है और किसी भी ऐसे मसौदे को स्वीकार नहीं कर सकता जिसमें भारत की क्षेत्रीय संप्रभुता और सुरक्षा से संबंधित मुद्दों को तोड़ा-मरोड़ा गया हो।
पाकिस्तान की चाल पर सवाल
विशेषज्ञों का मानना है कि पाकिस्तान ने जानबूझकर ऐसा किया ताकि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत को घेरा जा सके। बलूचिस्तान का उल्लेख कर पाकिस्तान ने यह दिखाने की कोशिश की कि भारत वहां की स्थिति को अस्थिर कर रहा है, जबकि भारत लगातार इस आरोप को खारिज करता रहा है।
भारत की विदेश नीति का संकेत
इस कदम से भारत ने फिर एक बार स्पष्ट कर दिया है कि वह अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भी अपनी राष्ट्रीय हितों और क्षेत्रीय अखंडता के सवाल पर कोई समझौता नहीं करेगा।