
उत्तर-पूर्व भारत में हालिया बाढ़ और भूस्खलन ने सिक्किम और मणिपुर राज्यों में भारी तबाही मचाई है।
सिक्किम में स्थिति:
सिक्किम के मंगन जिले में लगातार मूसलधार बारिश के कारण भूस्खलन हुए हैं, जिससे लगभग 1500 पर्यटक फंस गए हैं। मंगन, चोंगथांग, लाचेन और लाचुंग जैसे प्रमुख पर्यटन स्थल अब मुख्य भूमि से कट गए हैं। संगकलांग में बना नया बेली ब्रिज भी ढह गया है, जिससे मंगन और डज़ोंगू के बीच संपर्क टूट गया है। इस आपदा में छह लोगों की मौत हो गई है और कई घरों को नुकसान पहुंचा है। सरकार ने भारतीय वायुसेना से सहायता मांगी है ताकि फंसे हुए पर्यटकों को हेलीकॉप्टर के माध्यम से सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा सके।
मणिपुर में स्थिति:
मणिपुर राज्य में भी भारी बारिश के कारण बाढ़ और भूस्खलन की घटनाएं हुई हैं। इस आपदा में 883 घर क्षतिग्रस्त हुए हैं और 3802 लोग प्रभावित हुए हैं। 3275 से अधिक गांवों और समुदायों में तबाही मची है। प्रभावित क्षेत्रों में राहत कार्य तेज़ी से चलाए जा रहे हैं और प्रभावितों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है।
विश्लेषण:
इन प्राकृतिक आपदाओं ने उत्तर-पूर्व भारत की बुनियादी ढांचे की कमजोरियों को उजागर किया है। भूस्खलन और बाढ़ के कारण सड़कें, पुल और अन्य महत्वपूर्ण संरचनाएं क्षतिग्रस्त हो गई हैं, जिससे राहत कार्यों में कठिनाई आ रही है। सरकार और संबंधित एजेंसियों को इन आपदाओं से निपटने के लिए दीर्घकालिक योजनाएं बनानी चाहिए, जिसमें बुनियादी ढांचे की मजबूती, आपदा पूर्व चेतावनी प्रणालियों का निर्माण और त्वरित राहत कार्यों के लिए संसाधनों की उपलब्धता सुनिश्चित करना शामिल है।