
‘बिहार सर्वे’ को लेकर एक बार फिर विपक्षी दलों ने केंद्र सरकार पर सवाल उठाए हैं। विपक्षी गठबंधन इंडिया (I.N.D.I.A) के नेताओं ने कहा है कि जनता का असली मुद्दा नागरिकता, बेरोजगारी और महंगाई है, न कि जातिगत आंकड़े। साथ ही उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि फिलहाल चुनाव बहिष्कार पर कोई निर्णय नहीं लिया गया है।
दिल्ली में इंडिया गठबंधन की बैठक के बाद कई नेताओं ने मीडिया से बातचीत में कहा कि केंद्र सरकार बिहार में जातीय सर्वेक्षण के मुद्दे को बार-बार हवा देकर असली समस्याओं से लोगों का ध्यान भटकाने की कोशिश कर रही है। उनका कहना है कि देश के नागरिकों को मूलभूत मुद्दों पर जवाब चाहिए — जैसे कि नौकरी, शिक्षा, महंगाई और सामाजिक सुरक्षा।
बैठक में चुनाव बहिष्कार को लेकर कुछ नेताओं की राय सामने आई थी, लेकिन इस पर आम सहमति नहीं बन सकी। गठबंधन ने कहा कि आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर रणनीति पर चर्चा जारी है और जल्द ही व्यापक घोषणा की जाएगी।
इस मौके पर कुछ विपक्षी नेताओं ने यह भी आरोप लगाया कि बीजेपी और उसके सहयोगी दल जातिगत आंकड़ों का इस्तेमाल सिर्फ राजनीतिक लाभ के लिए कर रहे हैं, जबकि आम जनता को इससे कोई सीधा फायदा नहीं हो रहा है।