
23 मई 2025 को जर्मनी ने भारत के आतंकवाद के खिलाफ संघर्ष का सार्वजनिक रूप से समर्थन किया है। यह समर्थन जर्मन विदेश मंत्री जोहान वेडफुल के बयान से सामने आया, जिन्होंने भारत में हाल ही में पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले की कड़ी निंदा की। उन्होंने यह स्पष्ट किया कि हर देश को आत्मरक्षा का पूर्ण अधिकार है, खासकर जब वह आतंकवाद जैसी वैश्विक चुनौती का सामना कर रहा हो।
वेडफुल ने कहा कि भारत की प्रतिक्रिया उचित और संतुलित रही है। उन्होंने इस बात पर भी ज़ोर दिया कि समस्या का स्थायी समाधान शांति वार्ता और आपसी संवाद से ही संभव है, लेकिन जब देश की सुरक्षा पर हमला हो तो आत्मरक्षा आवश्यक बन जाती है।
इस घटना के बाद भारत की कूटनीति को एक महत्वपूर्ण समर्थन मिला है, क्योंकि जर्मनी यूरोप का एक प्रमुख और प्रभावशाली देश है। यह समर्थन अंतरराष्ट्रीय समुदाय में भारत की स्थिति को और मजबूत करता है, और आतंकवाद के खिलाफ एक वैश्विक एकजुटता का संकेत देता है।
यह पहली बार नहीं है जब जर्मनी ने भारत का साथ दिया हो। 2016 में भी, भारत द्वारा नियंत्रण रेखा (LoC) पार कर किए गए सर्जिकल स्ट्राइक के दौरान जर्मनी ने कहा था कि भारत को आतंकवादी ठिकानों के खिलाफ जवाब देने का अधिकार है।
यह समर्थन यह साबित करता है कि वैश्विक मंच पर भारत की नीति और कार्यवाही को एक मजबूत नैतिक और कानूनी समर्थन मिल रहा है।