
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के बाद अंतरराष्ट्रीय राजनीति में हलचल मच गई है। इस हमले में अब तक 26 से ज्यादा निर्दोष लोगों की जान जा चुकी है और भारत ने इसका सीधा आरोप पाकिस्तान समर्थित आतंकी संगठनों पर लगाया है।
ऐसे समय में अमेरिका की प्रतिक्रिया भारत के लिए कूटनीतिक समर्थन के रूप में देखी जा रही है। अमेरिकी विदेश विभाग की प्रवक्ता टैमी ब्रूस (Tammy Bruce) ने एक प्रेस वार्ता में स्पष्ट रूप से कहा:
“प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अमेरिका का पूरा समर्थन है। आतंकवाद के खिलाफ भारत जो लड़ाई लड़ रहा है, उसमें हम उसके साथ खड़े हैं।”
🔹 अमेरिका की भूमिका और संदेश:
- टैमी ब्रूस ने यह भी कहा कि अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो भारत और पाकिस्तान, दोनों के विदेश मंत्रियों से संपर्क में हैं।
- अमेरिका की प्राथमिकता है कि दोनों देशों के बीच तनाव ना बढ़े और स्थिति को बातचीत के जरिए सुलझाया जाए।
- अमेरिका ने दोनों देशों से कहा है कि “वे जिम्मेदारी से काम लें और क्षेत्र में शांति बनाए रखें।”
🔹 भारत की प्रतिक्रिया:
- भारत सरकार ने स्पष्ट किया है कि यह हमला पाकिस्तानी आतंकी संगठनों द्वारा योजनाबद्ध था।
- विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने अमेरिका को जानकारी दी कि भारत इस हमले में शामिल लोगों को न्याय के कटघरे में लाने के लिए हरसंभव कदम उठाएगा।
- भारत ने पाकिस्तान से सिंधु जल संधि पर बातचीत रोकने, सांस्कृतिक आदान-प्रदान कार्यक्रम रद्द करने और वाणिज्यिक उड़ानों को सीमित करने जैसे कड़े कदम भी उठाए हैं।
🔹 पाकिस्तान का इनकार और तनाव की स्थिति:
- पाकिस्तान ने भारत के आरोपों को सिरे से खारिज किया है और उल्टा भारत पर कश्मीर में मानवाधिकार उल्लंघन का आरोप लगाया है।
- इस बीच, भारत-पाकिस्तान सीमा पर सेना को हाई अलर्ट पर रखा गया है।
- LOC के पास नीलम घाटी में पर्यटकों की आवाजाही पर रोक, और गिलगित-बाल्टिस्तान में हवाई क्षेत्र बंद जैसे कदम दर्शाते हैं कि पाकिस्तान भी आंतरिक रूप से तैयारी कर रहा है।
🔍 कूटनीतिक संकेत:
यह बयान ऐसे समय आया है जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वैश्विक मंचों पर आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति को बढ़ावा दे रहे हैं। अमेरिका का यह सार्वजनिक समर्थन भारत की अंतरराष्ट्रीय स्थिति को और मज़बूत करता है, खासकर तब जब भारत UN और G20 जैसे मंचों पर आतंकवाद विरोधी कदमों में अग्रणी भूमिका निभा रहा है।