
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने 21‑22 जून 2025 को ईरान के तीन बड़े परमाणु संयंत्र—फ़ोर्डो, नतांज़ और इस्फ़हान—पर सफल वायु हमलों की घोषणा की है। इन हमलों में B‑2 स्टील्थ बॉम्बर्स द्वारा 30,000 पौंड (≈13.6 टन) के GBU‑57 “bunker buster” बमों का उपयोग किया गया, जबकि पनडुब्बियों से 30 टॉमहॉक क्रूज़ मिसाइलें लॉन्च की गईं ।
ट्रम्प ने कहा, “Fordow शिकायत से पूरी तरह नष्ट हो गया है” और साथ ही उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि सभी अमेरिकी विमान सुरक्षित रूप से एयरस्पेस छोड़ चुके है। उन्होंने इन्हें “स्पेक्टैकुलर मिलिटरी सक्सेस” करार दिया, लेकिन साथ ही कूटनीति के रास्ते खोलने की बात दोहराई ।
इस हमले के साथ अमेरिका प्रत्यक्ष रूप से इजरायल की ईरान नीतियों में शामिल हो गया है। इज़राइली प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने इस कार्रवाई की सराहना की, जबकि ईरान ने इसे अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन बताते हुए तीखी चेतावनी दी है, साथ ही प्रत्युत्तर की धमकी दी है । संयुक्त राष्ट्र डिप्टी मेम्बर ने इसे “खतरनाक वृद्धि” कहा और आपात सुरक्षा परिषद की बैठक बुलाने की बात कही ।
प्रमुख तथ्य (Key Points):
- लक्ष्य स्थल: 21–22 जून की रात Fordow, Natanz, और Isfahan परमाणु साइट्स।
- हथियार प्रयोग:
- B‑2 स्टील्थ बॉम्बर + GBU‑57 MOP बम
- पनडुब्बियों से 30 टॉमहॉक मिसाइल
- ट्रम्प का बयान: “Fordow पूरी तरह नष्ट”, सभी विमान सुरक्षित वापस ।
- राजनीतिक असर: अमेरिका की सीधे साझेदारी–इलाका तनाव बढ़ा, ईरान ने कड़ा विरोध किया, UN चिंतित ।
- संभावित प्रतिक्रिया: इज़राइल ने कार्रवाई की सराहना की; ईरान ने जवाबी कार्रवाई की धमकी दी; कूटनीति की कोशिशें अब और मुश्किलों में ।