अयोध्या
Trending

5 वर्षों के बाद जब श्री राम भव्य मंदिर में विराजमान होंगे

5 वर्षों के बाद जब श्री राम भव्य मंदिर में विराजमान होंगे

  • अयोध्या धाम कैसा हो या उसकी शुरुआत रामराज्य की आधारशिला रखते हुए अयोध्या उसके गुणगान को हो रही तैयार।
  • अयोध्या वासियों और संतों से की अपील कहा जो भी श्रद्धालु अयोध्या आए वह अयोध्या के सद्भाव और आदित्य से अभिभूत होकर वापस जाए ..योगी
  • योगी आदित्यनाथ ने संतो के आश्रम की तुलना पति-पत्नी के रिश्ते से कर डाली कहा , पति-पत्नी के आपसी रिश्ते भौतिक व्यवस्था में आहत होते दिखाई दे रहे हैं लेकिन खून का रिश्ता ना होते हुए भी संतो के आश्रमों में गुरु शिष्य परंपरा सुदृढ़ दिखाई देती है ।

अयोध्या पहुंचे यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि 22 जनवरी 2024 को जब 500 वर्षों के बाद श्रीराम अपने भव्य मंदिर में विराजमान होंगे तो यह देश ही नहीं पूरी दुनिया के लिए अद्भुत क्षण होगा । अयोध्या धाम कैसा होना चाहिए यह उसकी शुरुआत है और रामराज की आधारशिला रखते हुए अयोध्या उसके गुणगान के लिए तैयार हो रही है । उन्होंने अयोध्या वासियों और संतों से अपील करते हुए कहा कि सर्व समर्पण के भाव से अपने भगवान के प्रति जो आपके मन में भावनाएं थी आज वह मूर्त रूप ले रही है इसलिए सब मिलकर रामलला के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम को नई ऊंचाई पर ले जाएं ।
योगी आदित्यनाथ ने अयोध्या के लोगों और संतों को सीख देते हुए कहा कि कोई भी श्रद्धालु आता है उसके प्रति सद व्यवहार हो जो भी यहां आए वह यहां के व्यवहार से यहां के आतिथ्य से अभीभूत होकर जाए । एक नए भारत का जिक्र करते हुए योगी आदित्यनाथ ने कहा कि जो लोग पहले हिंदू और खुद को भारतीय कहने में संकोच करते थे आज वह सभी सनातन धर्म के प्रति और भारतीयता के प्रति सम्मान का भाव दिखा रहे हैं। इसलिए इस दृष्टिकोण में हमारा भी योगदान होना चाहिए और हमें इसका सहभागी बनना चाहिए और यह हम अयोध्या को सुंदरतम नगरी बनाकर कर सकते हैं ।
इसी के साथ यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक बड़ी बात कही और आश्रमों की तुलना पति और पत्नी के रिश्तो से कर डाली । उन्होंने कहा कि एक पति का पत्नी के प्रति और पत्नी का पति के प्रति मानवीय रिश्ते इस भौतिक व्यवस्था में आहत होते दिखाई देते हैं लेकिन खून का रिश्ता ना होते हुए भी संतो के आश्रमों में गुरु शिष्य परंपरा सुदृढ़ भाव से आगे बढ़ रही है ।
मुख्यमंत्री योगी अयोध्या पुलिस लाइन में ट्रांसिट भवन का लोकार्पण करने के बाद एक कार्यक्रम में 35 जिलों में 3401 आंगनबाड़ी केदो के निर्माण की घोषणा करते हुए शिलान्यास किया । इसके बाद अयोध्या पहुंचकर उन्होंने हनुमानगढ़ व श्री राम जन्मभूमि में दर्शन पूजन किया और फिर बड़ा भक्तमाल में आयोजित एक धार्मिक अनुष्ठान में शिरकत करते हुए 1 किलो सोने का मुकुट दान किया ।
योगी आदित्यनाथ मुख्यमंत्री यूपी .. रामराज्य की आधारशिला को पुष्ट करते हुए अयोध्या उसके गुणगान के लिए तैयार हो रही है । अयोध्या धाम कैसा होना चाहिए या उसकी शुरुआत है । 22 जनवरी 2024 को प्रधानमंत्री जी के कार्यक्रमों से 500 वर्षों के बाद श्री राम अपने भव्य मंदिर में विराजमान होंगे तो सचमुच पूरी दुनिया के लिए देश के लिए अद्भुत क्षण होगा । अयोध्या वासियों की तो यह जिम्मेदारी बनती है कि आपके पूर्वजों ने, अपने, पूज्य संतों ने इस पूरे अभियान में बढ़-चढ़कर भाग लिया और इस आंदोलन को नई ऊंचाई पर पहुंचाया । सर्व समर्पण के भाव के साथ अपने भगवान के प्रति अपने इष्ट के प्रति जो आपके मन में भावनाएं थी आज वह मूर्त रूप ले रही है सिद्धि को प्राप्त हो रही है । इस अवसर पर हम सब का दायित्व बनता है कि हम सब लोग मिलकर के इस कार्यक्रम को नई ऊंचाई तक पहुंचाएं ।

योगी आदित्यनाथ मुख्यमंत्री यूपी.. कोई भी श्रद्धालु आता है उसके प्रति सद व्यवहार हो जो भी यहां आए वह यहां के व्यवहार से यहां के आतिथ्य से अभीभूत होकर जाए । यही विचार और भाव हम सबको अयोध्या से संचारित करना चाहिए । आज देश में बहुत कुछ परिवर्तित हुआ है और होगा । एक नए भारत का हम सब दर्शन कर रहे हैं । जो लोग पहले हिंदू बोलने में खुद को संकोच करते थे , जिनको भारतीय बोलने में संकोच होता था , आज वह हर व्यक्ति न केवल सनातन धर्म के प्रति बल्कि भारत और भारतीयता के प्रति सम्मान का भाव रखता है । पूरी दुनिया का दृष्टिकोण बदला है । इस दृष्टिकोण में हमारा क्या योगदान होना चाहिए, हम किस प्रकार से इसमें सहभागी बन सकते हैं यह भी तय करने का काम हम सबको अभी से प्रारंभ करना है । अयोध्या सुंदर लगे सुंदरतम नगरी के रूप में अयोध्या दिखाई दे ।

योगी आदित्यनाथ मुख्यमंत्री यूपी.. एक पति का पत्नी के प्रति और पत्नी का पति के प्रति क्या दायित्व होना चाहिए क्या कर्तव्य होना चाहिए यह मानवीय रिश्ते कहीं ना कहीं आज की भौतिक व्यवस्था में कहीं ना कहीं आहत होते दिखाई देते हैं। उन स्थितियों में हमारे संतो के आश्रमों में खून का रिश्ता ना होते हुए भी उससे बढ़कर के गुरु शिष्य परंपरा को सुदृढ़ भाव के साथ आगे बढ़ने का कार्य हो रहा है ।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
YouTube
LinkedIn
Share