Ayodhya Yatra : रोमांचक यात्रा, दर्शन और रोचकताएं
Ayodhya Yatra : रोमांचक यात्रा, दर्शन और रोचकताएं
Ayodhya Dham Darshan: भारत में करोड़ों श्रद्धालु ऐसे हैं जो अयोध्या घूमने की ख्वाहिश रखते हैं लेकिन उन्हें अयोध्या की यात्रा से जुड़ी जानकारी नहीं मिल पाती है, जिस वजह से उनकी यात्रा सही प्रकार से पूरी नहीं हो पाती है आज हम आपको PRSD न्यूज पर बताएंगे की कैसे आप अयोध्या की हर जगह का दर्शन कर सकते हैं और वहां की रोचक चीज़ों के बारे में जान सकते हैं।
अयोध्या में पांच मुख्य मंदिर हैं, कनक भवन, दशरथ गद्दी, राम कचेरी, राम जन्मभूमि, हनुमान गढ़ी, परंपरा रही है कि अयोध्या आने वाले श्रद्धालु राम घाट पर बह रही सरयू नदी में डुबकी लगाकर ही अयोध्या के इन पांच मंदिरों में दर्शन करते हैं, वैसे तो अयोध्या में ग्यारह हजार मंदिर हैं और 365 घाट हैं, लेकिन इन सभी के दर्शन कर पाना तो हर किसी के लिए संभव है नहीं, इसलिए ये नियम ही लोकप्रिय रहा है।
अयोध्या में सरयू नदी के तट पर घाटों की एक श्रृंखला है, जिसे राम की पैड़ी कहते हैं। एक बार लक्ष्मणजी तीर्थाटन पर जाना चाह रहे थे, तब सरयू तट पर भगवान राम ने एक लीला दिखाई और बताया कि हर दिन सूर्योदय से पूर्व यहां सभी तीर्थ स्नान के लिए आते हैं। इसलिए सरयू नदी में स्नान करने मात्र से सभी तीर्थों में स्नान का पुण्य प्राप्त हो जाता है। इसलिए मान्यता है कि यहां नदी में डुबकी लगाने से अनजाने में हुए पापों से मुक्ति मिल जाती है।
अयोध्या में राम घाट के बराबर ही है लक्ष्मण घाट, राम घाट बीचों बीच बने पुल के दाईं ओर है तथा लक्ष्मण घाट पुल के बाईं ओर है, आप चाहें तो स्नान के बाद यहां कुछ पल सुकून से भी बिता सकते हैं।
अगर आप बोटिंग का मजा लेना चाहते हैं तो आपके लिए नौकायन की सुविधा भी राम घाट और लक्ष्मण घाट पर मिल जाएगी। विशाल पतित पावनी मां सरयू के बीचों बीच जाकर उसके जल को स्पर्श करने का अलग ही मजा है। अगर आप संध्याकालीन आरती का आनंद लेना चाहते हैं तो शाम के 6 बजे यहां पहुंच जाएं, हर घाट पर आपको घंटालों की गूंज और आरती के झूमते बड़े बड़े दीये नजर आ जाएंगे, आरती के इन मनभावन वक्त का आनंद तब और बढ़ जाता है जब आप नाव की सवारी करते हुए सरयू के बीच से उसे देखते हैं।
राम की पैड़ी का अपना कई इतिहास रहा है।
वर्ष 2022 में राम की पैड़ी पर 5000 लोगों ने एक साथ योग किया था।
वर्ष 2022 में ही राम की पैड़ी पर दीपोत्सव समारोह के आखिरी दिन राम की पैड़ी पर 15.76 लाख से अधिक मिट्टी के दीपक जलाकर ‘तेल के दीयों के सबसे बड़े प्रदर्शन’ का गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड हासिल किया था।