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राम मंदिर ट्रस्ट के लिए मुश्किल खड़ी कर देगी परमहंसाचार्य की यह मांग

राम मंदिर ट्रस्ट के लिए मुश्किल खड़ी कर देगी परमहंसाचार्य की यह मांग

परमहंस आचार्य ने भेजा राम मंदिर ट्रस्ट को पत्र, कहां ट्रस्ट के पास पैसे ना हो तो वह करेंगे आर्थिक मदद ।

अपने बयानों को लेकर चर्चा में बने रहने वाले तपस्वी छावनी के संत जगतगुरु परमहंसाचार्य ने श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट से बड़ी मांग कर डाली है एक ऐसी बात जिसको लेकर मंदिर ट्रस्ट के सामने मुश्किल खड़ी हो सकती है क्योंकि यह ऐसी मांग है जिनको ट्रस्ट भी आसानी से खारिज नहीं कर सकता है परमहंस आचार्य के द्वारा भेजे गए पत्र का ट्रस्ट क्या जवाब देता है लेकिन सबसे पहले जानिए कि यह मांगे कौन सी है और इसको लेकर राम मंदिर ट्रस्ट क्यों मुश्किल में आ सकता है हालांकि राम मंदिर ट्रस्ट में अभी फिलहाल इस पर कुछ कहने से मना कर दिया है और बस इतना कहा है कि पहले पत्र तो मिलने दीजिए ।

यूं तो अयोध्या में श्री राम जन्मभूमि मुक्ति के लिए सैकड़ो वर्षों तक संघर्ष चला इस बीच अलग-अलग लोगों ने और समूहों ने अपने-अपने तरीके से श्री राम जन्मभूमि मुक्ति के लिए संघर्ष किया अंततः यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के गुरु रहे गोरक्ष पीठाधीश्वर महंत अवैद्यनाथ , श्री राम जन्मभूमि समिति के अध्यक्ष रहे अशोक सिंघल के साथ राम मंदिर आंदोलन के शलाका पुरुष कहे जाने वाले दिगंबर अखाड़े की महंत रामचंद्र परमहंस के नेतृत्व में जो निर्णायक आंदोलन हुआ उसने इस पूरे संघर्ष का कायाकल्प कर दिया इसीलिए तपस्वी छावनी के जगतगुरु परमहंसाचार्य इन तीनों के नाम पर अयोध्या में गेट निर्मित कराने और उनके नाम पर चौराहे का नामकरण करने की मांग की है इस बारे में उन्होंने बुधवार की शाम राम मंदिर ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय को एक पत्र भी भेजा है यह ऐसी मांग है जिसको नजरअंदाज करना राम मंदिर ट्रस्ट के लिए भी आसान नहीं होगा ।

जगतगुरु परमहंसाचार्य ..(तपस्वी छावनी अयोध्या ) .. आज हमने श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव श्री चंपत जी को पत्र भेजा है कि राम जन्मभूमि आंदोलन के जो नायक रहे जैसे आदरणीय योगी जी के गुरु महंत अवैद्यनाथ जी , श्री अशोक सिंघल जी , स्वर्गीय रामचंद्र परमहंस जी , इन तीन महापुरुषों ने अपना पूरा जीवन राम मंदिर आंदोलन के लिए खपा दिया और उनके नाम से ना कोई चौराहा बन रहा है न इनके नाम से कोई प्रवेश द्वार बन रहा है , इसलिए आज हमने चंपत जी को पत्र भेजा है कि इन तीनों राम मंदिर आंदोलन के महानायकों के नाम से प्रवेश द्वार बनाया जाय यदि हमारी बात की सुनवाई नहीं होती है तो उसको लेकर मैं अनशन पर भी बैठूंगा क्योंकि आज जो यह पूरे देशवासियों को खुशी मिली है इन तीन महापुरुषों का योगदान है इसको कभी भुलाया नहीं जा सकता है हम सब लोग जितने भी राम भक्त हैं इन तीन महापुरुषों की ऋणी है तीनों महापुरुष अशोक सिंघल जी के, महंत अवैध नाथ जी के और रामचंद्र परमहंस जी के उनके नाम से प्रवेश द्वार जरूर बनना चाहिए जो राशि ट्रस्ट को मिली है अगर काम पड़े तो ट्रस्ट बताएं इन तीनों लोगों के प्रवेश द्वार के लिए मैं सक्षम हूं और आर्थिक सहयोग करूंगा , लेकिन इनका प्रवेश द्वार बनना ही चाहिए आज मैंने पत्र भेजा है दो से चार दिन में मैं उनसे मिलकर पूछूंगा कि इस पर क्या विचार हुआ ।

यही नहीं पत्र में आगे इसी से जुड़ी एक और मांग की गई है यह मांग श्री राम जन्मभूमि परिसर में पिछले 500 वर्षों में राम मंदिर के लिए अपने प्राण बलिदान करने वाले राम भक्तों के शिलालेख लगाने से जुड़ी है पत्र में कहा गया है कि यह शिलालेख ऐसे स्थान पर लगाया जाए जो श्री राम मंदिर दर्शन मार्ग पर पड़ता हो जिससे दर्शन करने जाने वाले राम भक्त ऐसे बलिदानी राम भक्तों का इतिहास जान सके ।

जगतगुरु परमहंसाचार्य ..(तपस्वी छावनी अयोध्या ) .. श्री राम मंदिर आंदोलन में जिन लोगों ने अपने प्राणों को आहूत कर दिया है। 500 वर्षों तक लंबा संघर्ष चला राम मंदिर का । कितने ऐसे राम भक्त हैं जिन्होंने राम मंदिर के लिए अपने प्राणों को बलिदान कर दिया इसलिए मैं श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र से मांग करता हूं कि उन बलिदानी कारसेवकों की मूर्ति राम जन्मभूमि परिसर में लगाई जाए । जिससे जो लोग रामलला का दर्शन करने जाएं वह उनका भी दर्शन करें यह हमारे शास्त्रों में है कि राम से बड़ा राम का भक्त होता है। जो भगवान के सेवक होते हैं वह उनसे बड़े होते हैं यह हमारी मांग है ।

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