
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पूरी कैबिनेट के साथ सबसे पहले हनुमानगढ़ी और फिर रामलाल के चरणों में झुकाएंगे शीश ।
निर्माणाधीन राम मंदिर को भी देखेंगे कैबिनेट के साथ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ।
कैबिनेट की बैठक में पेश प्रस्ताव से लगेगा अयोध्या के विकास को पंख , पेश होंगे दो दर्जन से अधिक प्रस्ताव ।
अयोध्या के लिए 9 नवंबर ऐतिहासिक तारीख होगी । पूरी योगी कैबिनेट रामलला की जन्म भूमि पर उनके द्वार पहुंचेगी । अयोध्या पहुंचने के बाद पूरी योगी कैबिनेट सबसे पहले हनुमानगढ़ी में संकट मोचन के दर्शन करने पहुंचेगी । हनुमानगढ़ी में दर्शन पूजन करने के बाद योगी आदित्यनाथ अपनी कैबिनेट के साथ श्री राम जन्मभूमि मंदिर पहुंचेंगे । अस्थाई मंदिर में रामलला के दर्शन पूजन करने के बाद निर्माणाधीन वह भव्य मंदिर देखने जाएंगे जहां 22 जनवरी को प्रधानमंत्री रामलला की उनके गर्भ गृह में प्राण प्रतिष्ठा करेंगे ।
दर्शन पूजन के बाद योगी कैबिनेट की बैठक होगी और अयोध्या को दीपोत्सव की सौगात देने के लिए कई परियोजनाओं के प्रस्ताव पेश होंगे ।
कैबिनेट बैठक के बाद मुख्यमंत्री राम कथा पार्क में अयोध्या की कैबिनेट में लिए गए निर्णय और पेश किए गए प्रस्ताव पर मुख्यमंत्री पत्रकारों को ब्रीफिंग देंगे । ब्रीफिंग के बाद उत्तर प्रदेश पर्यटन निगम के सरयू अतिथि गृह में मुख्यमंत्री और कैबिनेट के सदस्यों का भोजन होगा और उसके बाद वह अयोध्या से रवाना हो जाएंगे ।
कैबिनेट बैठक के लिए राम कथा पार्क के साथ राम कथा संग्रहालय को भी सजाया जा रहा है । मरम्मत के साथ रंग रोगन और सफाई व्यवस्था का कार्य युद्ध स्तर पर चल रहा है । वही कैबिनेट की बैठक को लेकर सुरक्षा और ट्रैफिक व्यवस्था भी चाकचौबंद करने के लिए बैठकों का दौर जारी है ।
राजू दास (महंत हनुमानगढ़ी ) .. रामद्वारे तुम रखवारे होत न आज्ञा बिन पैसारे । पूज्य योगी जी महाराज की पूरी कैबिनेट महाबली हनुमान के चरण शरण में , क्योंकि अयोध्या में भव्य दिव्य दीपोत्सव के साथ देश के एसएससी प्रधानमंत्री के सानिध्य में देश के धर्माचार्य और बुद्धजीवी के नेतृत्व में पार ब्रह्म परमात्मा भगवान श्री राम का भव्य दिव्य मंदिर कार्य संपन्न होने वाला है । प्रधानमंत्री जी प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में शामिल होंगे उससे पहले पूरी कैबिनेट का हनुमान जी का दर्शन उसके बाद एक साथ रामलला का दर्शन और इसके साथ-साथ कैबिनेट की बैठक । कैबिनेट की बैठक होना अयोध्या में, मुझको लगता है भूतों ने भविष्यते मामूली बात नहीं है जिसको लोकल लोग कतराते थे घबराते थे भागते थे राजनीतिक दलों के लोग आते थे तो फ़ैज़ाबाद को छूकर निकल जाते थे । डर के मारे किसी की अयोध्या में एंट्री नहीं होती थी और आज पूरी कैबिनेट हनुमान जी की शरण में रामलला के चरण में और कैबिनेट की बैठक मुझे लगता है जिस परिकल्पना को लेकर देश के प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री प्रयास रत है उसमें चार चांद तो आज लगने वाला है और इस बैठक से यह निकाल कर आएगा कि अयोध्या और तेजी से कैसे डेवलप हो । जब प्रधानमंत्री जी अयोध्या आए तो भव्य दिव्य प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम हो तो अयोध्या आने वाले दुनिया भर के राम भक्त , मीडिया कर्मी और लोगों को किसी प्रकार की कोई समस्या ना हो , इस पर गहन विचार और मंथन होगा ।
कल्कि महाराज (ज्योतिष आचार्य अयोध्या) .. देखिये 21वीं सदी उज्जवल भविष्य की ओर अग्रसर है । भारत 9 नवंबर 1979 को रामलला के सम्मन में पहला आधार रखा गया था , 9 नवंबर 2019 को निर्णय आया था, 9 नवंबर पुनः बैठक होने जा रही है । अभी कुछ दिन पहले काशी में कैबनेट हुई यह किसी ने कल्पना की थी कि अयोध्या में कैबनेट की बैठक होगी । यह सनातन विरोधियों के विनाश कि कील का पहला पत्थर उत्तर प्रदेश के ओजस्वी मुख्यमंत्री माननीय योगी आदित्यनाथ जी गाड़ने जा रहे है । अब भविष्य में सनातन विरोधी पनपेंगे ,फलेंगे, फूलेंगे , ऐसा स्वप्न में भी संभव नहीं है । अब भारत पूरे विश्व में अयोध्या के माध्यम से नई रूप रेखा तय कर रहा है । इसका लाभ दुनिया के कोने में रह रहे सभी सनातनियों को मिलेगा ।