गोंडा महिला अस्पताल में इंजेक्शन लगने से एक दर्जन से अधिक प्रसूता महिलाओं की बिगड़ी हालत
गोंडा महिला अस्पताल में इंजेक्शन लगने से एक दर्जन से अधिक प्रसूता महिलाओं की बिगड़ी हालत
गोंडा जिला महिला अस्पताल में भर्ती महिलाओं को शुक्रवार की देर रात कोई इंजेक्शन लगने से करीब 15 महिलाओं की हालत बिगड़ने लगी। उन्हें झटका आने के साथ उल्टी होने लगी। जिससे अस्पताल में हड़कंप मच गया। तीमारदारों की माने तो उस समय अस्पताल में पैरामेडिकल स्टाफ के अलावा कोई डॉक्टर भी मौजूद नहीं था। अस्पताल के कर्मचारियों ने डॉक्टर को फोन किया। उसके बाद महिलाओं का इलाज शुरू हुआ।
दरअसल गोंडा के जिला महिला अस्पताल में डिलीवरी के लिए जिले के विभिन्न क्षेत्रों से 13 महिलाएं आई थी, जहां उनकी सीजर से तीन दिन पहले जिला महिला अस्पताल में डिलीवरी हुई थी। डिलीवरी होने के बाद उनको जिला महिला अस्पताल में ही भर्ती किया गया था और जिला महिला अस्पताल के अधिकारियों और कर्मचारियों द्वारा इलाज किया जा रहा था। लेकिन देर रात 13 प्रसूताओं को एक एंटीबायोटिक इंजेक्शन लगाने से उनको तेज बुखार, ठंड, उल्टी घबराहट सहित तमाम तरह के लक्षण एक साथ दिखाई देने लगे और उनकी हालत गंभीर हो गई।
आनन फानन में जिला महिला अस्पताल के डॉक्टर पहुंचे और भर्ती 13 प्रसूताओं महिलाओं की हालत को खराब देखते ही हाथ पांव फूल गए। देखते ही देखते हालात बिगड़ने लगी, तब जाकर के जिला महिला अस्पताल की सीएमएस रक्षा चतुर्वेदी के नेतृत्व में डॉक्टरों ने इलाज शुरू किया और कड़ी मशक्कत के बाद सभी महिलाओं की स्थिति सामान हुई। वहीं जिला महिला अस्पताल में डिलीवरी के लिए आई महिलाओं के परिजनों और तीमारदारों का कहना है कि तीन दिन पहले उनके मरीज का सीजर से डिलीवरी हुई थी और उनको यहां पर भर्ती कराया गया था।
रात में नर्स ने एक इंजेक्शन लगाया था, जिसके बाद महिलाओं की तबीयत बिगड़ गई थी। मरीजों को झटके आने लगे थे। कोई डॉक्टर मौके पर नहीं आए थे। हम लोगों के काफी कहने के बाद डॉक्टर आए और बाहर से दवा मंगवा कर लगवाया गया है, तब तबीयत में थोड़ी सुधार हुआ। यह अस्पताल कर्मचारियों की लापरवाही है।