
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के लिए सीटों के बंटवारे को लेकर सियासी हलचल तेज़ हो गई है। लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने हाल ही में आरा में आयोजित ‘नव संकल्प महासभा’ में चुनावी मैदान में उतरने का ऐलान किया। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि उनकी पार्टी एनडीए गठबंधन में सीटों के बंटवारे को लेकर कोई समझौता नहीं करेगी, जो उनकी पार्टी की राजनीतिक ताकत को कम आंकता हो ।
🧩 एनडीए में सीट शेयरिंग पर दो प्रमुख फॉर्मूले
वर्तमान में, एनडीए में सीटों के बंटवारे को लेकर दो प्रमुख फॉर्मूले चर्चा में हैं:
- पहला फॉर्मूला: इसमें बीजेपी और जेडीयू मिलकर लगभग 101-102 सीटों पर चुनाव लड़ेंगे, जबकि शेष 40 सीटें सहयोगी दलों को दी जाएंगी। चिराग पासवान की पार्टी को 25-28 सीटें मिल सकती हैं, जबकि जीतनराम मांझी की पार्टी को 6-7 और उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी को 4-5 सीटें मिल सकती हैं ।
- दूसरा फॉर्मूला: इसमें बीजेपी और जेडीयू मिलकर 120-122 सीटों पर चुनाव लड़ेंगे, और सहयोगी दलों को कुछ सीटें दी जाएंगी। इस फॉर्मूले में चिराग पासवान की पार्टी को 10-11 सीटें मिल सकती हैं ।
हालांकि, चिराग पासवान ने स्पष्ट किया है कि उनकी पार्टी इन फॉर्मूलों से कम सीटों पर समझौता नहीं करेगी, जो उनकी पार्टी की राजनीतिक ताकत को कम आंकता हो।
⚠️ जीतनराम मांझी का बयान
इस बीच, हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (हम) के प्रमुख जीतनराम मांझी ने चिराग पासवान के सीटों की अधिक मांग पर तीखा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि अगर चिराग एनडीए में ज्यादा सीटों की मांग करेंगे, तो वे सार्वजनिक रूप से इसका विरोध करेंगे ।
🔍 निष्कर्ष
चिराग पासवान का सीट शेयरिंग को लेकर दृढ़ रुख और एनडीए में सीटों के बंटवारे पर चल रही चर्चाएं बिहार चुनाव 2025 में सियासी समीकरणों को प्रभावित कर सकती हैं। चिराग पासवान की पार्टी की सीटों की संख्या और उनके द्वारा उठाए गए मुद्दे आगामी चुनावों में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।