
दिल्ली में बुधवार को होने जा रही मॉक ड्रिल से पहले पूरे शहर को सुरक्षा के कड़े घेरे में ले लिया गया है। हाल ही में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के बाद यह फैसला केंद्र सरकार और खुफिया एजेंसियों के सुझाव पर लिया गया है।
दिल्ली पुलिस ने प्रमुख बाजारों, पर्यटक स्थलों, भीड़भाड़ वाले इलाकों और सार्वजनिक जगहों पर विशेष निगरानी बढ़ा दी है। मॉक ड्रिल का उद्देश्य है यह परखना कि किसी आतंकी हमले या आपात स्थिति में सुरक्षा बल और एजेंसियां कितनी जल्दी और प्रभावी ढंग से प्रतिक्रिया दे सकती हैं।
🔍 कहां-कहां हो रही है सख्त निगरानी?
- प्रमुख स्थानों पर फोकस:
कनॉट प्लेस, जनपथ, पालिका बाजार, इंडिया गेट, खान मार्केट, सरोजिनी नगर, लाजपत नगर जैसे दिल्ली के प्रमुख सार्वजनिक और पर्यटन स्थलों पर विशेष निगरानी रखी जा रही है। - सुरक्षा जांच और चेकिंग:
शहर के हर जिले में पुलिस ने चेकपोस्ट और बैरिकेडिंग लगाकर आने-जाने वाले वाहनों की कड़ी जांच शुरू कर दी है। दिल्ली में प्रवेश करने वाले रास्तों — जैसे गाज़ियाबाद, नोएडा, गुड़गांव बॉर्डर पर भी पुलिस अलर्ट पर है। - एंटी-सैबोटाज जांच:
पुलिस की बम निरोधक दस्तों द्वारा भीड़भाड़ वाले इलाकों में एंटी-सैबोटाज जांच की जा रही है, ताकि किसी भी विस्फोटक सामग्री या संदिग्ध वस्तु को समय रहते पकड़ा जा सके।
🚓 पुलिस क्या कह रही है?
- डीसीपी (ईस्ट दिल्ली) अभिषेक धनिया के मुताबिक, “हमने अपने इलाक़े में तमाम एंट्री पॉइंट्स को चिन्हित किया है और हर वाहन की जांच की जा रही है। विशेष गश्ती दल तैनात किए गए हैं जो दिन-रात सक्रिय हैं।”
- डीसीपी (साउथ-वेस्ट) सुरेन्द्र चौधरी ने कहा, “हमारी टीम द्वारा पैदल गश्त, गाड़ियों की रैंडम चेकिंग और मार्केट्स में सीसीटीवी से निगरानी की जा रही है।”
🧠 लोगों से क्या अपील की गई है?
दिल्ली पुलिस और गृह मंत्रालय ने नागरिकों से अपील की है कि वे किसी भी संदिग्ध व्यक्ति या वस्तु की जानकारी तुरंत पुलिस को दें।
साथ ही यह भी कहा गया है कि मॉक ड्रिल के दौरान जो भी सुरक्षा गतिविधियां हों, उनमें सहयोग करें और घबराएं नहीं।
📌 निष्कर्ष:
इस तरह की मॉक ड्रिल्स न केवल सुरक्षा एजेंसियों की तत्परता को परखती हैं, बल्कि आम नागरिकों में सजगता और सतर्कता भी बढ़ाती हैं।
दिल्ली जैसे बड़े महानगर में, जहां लाखों की भीड़ रोज़ घूमती है, ऐसी तैयारी न केवल ज़रूरी है बल्कि समय की मांग भी।