
कांग्रेस पार्टी में सर्जिकल स्ट्राइक को लेकर बयानबाजी का सिलसिला जारी है। कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने बुधवार को कहा कि उरी हमले के बाद पहली बार भारत ने आतंकवादी ठिकानों पर सर्जिकल स्ट्राइक की, जिससे आतंकवादियों को यह एहसास हुआ कि उन्हें इसकी कीमत चुकानी होगी। हालांकि, थरूर ने यह भी स्पष्ट किया कि उनका बयान भारत और पाकिस्तान के बीच नियंत्रण रेखा का उल्लंघन करने के संदर्भ में नहीं था। उन्होंने कहा कि उनके शब्दों का गलत अर्थ निकाला गया है।
इस बयान के बाद कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने थरूर की सफाई पर प्रतिक्रिया दी। उन्होंने थरूर के बयान को लेकर पार्टी के भीतर असहमति की स्थिति को स्पष्ट किया। खेड़ा ने कहा कि पार्टी में इस मुद्दे पर विचार-विमर्श जारी है और सभी नेताओं को अपनी राय रखने का अधिकार है।
‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत भारतीय सेना ने पाकिस्तान में आतंकवादी ठिकानों पर हमला किया था, जिसके बाद दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ गया था। इस ऑपरेशन के बाद पाकिस्तान ने भारतीय सैनिकों और नागरिकों पर हमले किए, जिससे संघर्ष और बढ़ गया।
कांग्रेस पार्टी के भीतर इस मुद्दे पर मतभेद सामने आ रहे हैं, जिससे पार्टी की एकजुटता पर सवाल उठ रहे हैं। हालांकि, थरूर और खेड़ा दोनों ने पार्टी की नीति के तहत बयान दिए हैं, लेकिन उनके बयानों में अंतर पार्टी के भीतर विचारों की विविधता को दर्शाता है।
इस घटनाक्रम से यह स्पष्ट होता है कि राष्ट्रीय सुरक्षा और विदेश नीति जैसे संवेदनशील मुद्दों पर पार्टी के भीतर विचारों का भिन्न होना स्वाभाविक है। हालांकि, इन मतभेदों के बावजूद, कांग्रेस पार्टी ने राष्ट्रीय हितों को प्राथमिकता देने का संकल्प लिया है।
कांग्रेस पार्टी के नेताओं ने इस मुद्दे पर अपनी-अपनी राय व्यक्त की है, लेकिन यह देखना होगा कि पार्टी इस स्थिति से कैसे निपटती है और अपने रुख को स्पष्ट करती है।