
रत द्वारा पाकिस्तान और PoK में चलाए गए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को लेकर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने इस कार्रवाई को ‘हनुमान जी के अशोक वाटिका विध्वंस’ से जोड़ा है। रक्षा मंत्री का कहना है कि भारतीय सेना ने आतंक के अड्डों पर उसी तरह धावा बोला जैसे हनुमान जी ने लंका में किया था।
🛡️ क्या कहा रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने?
राजनाथ सिंह ने एक कार्यक्रम में कहा:
“जिस प्रकार हनुमान जी ने अशोक वाटिका में केवल दुष्टों को मारा और निर्दोषों को नहीं छुआ, उसी प्रकार हमारी सेना ने केवल आतंकियों को निशाना बनाया, किसी निर्दोष को नुकसान नहीं हुआ।”
उन्होंने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर में ‘नैतिक बल और मर्यादा’ दोनों का पालन किया गया।
📖 सुंदरकांड की चौपाई का संदर्भ
रक्षा मंत्री ने रामचरितमानस के सुंदरकांड की इस चौपाई को उद्धृत किया:
“जिन्ह मोहि मारा ते मैं मारे। तेहि पर बांधेउं तनयं तुम्हारे॥
मोहि न कछु बांधे कइ लाजा। कीन्ह चहउं निज प्रभु कर काजा॥”
अर्थ:
“जिन लोगों ने मुझ पर आक्रमण किया, मैंने उनका नाश किया। तुम्हारे पुत्र (रावण का पुत्र) ने मुझे बांध लिया है, लेकिन मैं इस स्थिति से लज्जित नहीं हूं। क्योंकि मेरा उद्देश्य केवल श्रीराम का कार्य पूरा करना है।”
यह चौपाई दर्शाती है कि शक्ति का प्रयोग केवल धर्म और न्याय की स्थापना के लिए होना चाहिए, निर्दोषों के प्रति दया और दोषियों के प्रति कठोरता ही धर्म का सार है।
भारतीय सेना की रणनीति से हूबहू मेल खाती है – सटीक हमला, निर्दोषों को कोई नुकसान नहीं।
