गोंडालाइव अपडेट

करनैलगंज नगर में चल रहे श्रीमद भागवत कथा ज्ञान यज्ञ महोत्सव की धूम

करनैलगंज(गोंडा)। नगर में चल रहे श्रीमद भागवत कथा ज्ञान यज्ञ महोत्सव की धूम है। वृंदावन धाम से आईं कथा वाचिका देवी सत्यार्चा ने कहा कि आज के समय में हर घर में लड़ाई झगड़े और अशांति का वातावरण बना हुआ है। भागवत कथा में श्री कृष्ण की कथा हो या श्रीराम के आदर्श की कथा ऐसे संतप्त जीवन में अमृत की धार जैसा कार्य करती हैं क्योंकि यह कथा ही हमें अपने संबंधों के प्रति समर्पण और त्याग की भावना के लिए प्रेरित करती है। भगवान श्रीकृष्ण व प्रभु श्रीराम के उदारता शालीनता और त्याग की भावना का भली-भांति वर्णन पुराणों एवं ग्रंथो में किया गया है। जिस परिवार में लोग एक दूसरे के लिए त्याग व समर्पण की भावना रखते हैं वह घर स्वर्ग से भी बढ़कर सुख देने वाला हो जाता है। समाज में बढ़ रहे दहेज प्रथा को लेकर भी कथा वाचिका देवी सत्यार्चा ने कथा के माध्यम से लोगों को जागृत किया और कहा कि दहेज लेना और देना दोनों ही अपराध है। प्राचीन समय से हर माता पिता अपनी बेटी के लिए अपनी श्रद्धा और सामर्थ्य के अनुसार बेतवा, गुहार प्रदान करता है लेकिन लोग इसे अपना अधिकार समझ कर आज के समय में जोर जबरदस्ती करते हैं और बेटियों को प्रताड़ित करते हैं जिसके फलस्वरूप अनेक बेटियों का घर उजड़ जाता है जो दहेज ले करके कन्या घर में लाते हैं उसे लक्ष्मी रूठ जाती है और जो बेटी के स्वरूप में बिना दहेज के प्रलोभन के बहू को घर लाते हैं उनके लिए वह कन्या लक्ष्मी का स्वरूप बन जाती है। घर में धन-धान्य की समृद्धि होती है। कथा वाचिका ने कहा सत्संग से संस्कार आते है। मानव जीवन के लिए संस्कार बहुत ही आवश्यक हैं मनुष्य के भौतिक अध्यात्मिक और सामाजिक विकास के लिए सत्संग ही एकमात्र साधन है जो वास्तविकता में एक साधारण से मनुष्य को एक विशिष्ट मानव में परिवर्तित करने की सामर्थ्य रखता है। हमारे संस्कार ही हमारी पहचान हैं।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
YouTube
LinkedIn
Share