
नई दिल्ली, 5 जून 2025:
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति और रिपब्लिकन पार्टी के 2024 चुनावों में विजेता डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर कड़ा और विवादास्पद कदम उठाया है। उन्होंने एक कार्यकारी आदेश जारी कर 12 देशों के नागरिकों की अमेरिका में प्रवेश पर रोक लगा दी है। यह प्रतिबंध 9 जून 2025 से प्रभावी होगा।
🔴 किन देशों के नागरिकों पर लगी है पाबंदी?
इस प्रतिबंध की सूची में निम्नलिखित देश शामिल हैं:
- अफगानिस्तान
- म्यांमार (बर्मा)
- ईरान
- चाड
- कांगो (डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ द कांगो)
- लिबिया
- सोमालिया
- सूडान
- यमन
- हैती
- इरीट्रिया
- गिनी इक्वेटोरियल
इसके अलावा, बुरुंडी, क्यूबा, लाओस, सिएरा लियोन, टोगो, तुर्कमेनिस्तान और वेनेजुएला जैसे देशों पर आंशिक यात्रा प्रतिबंध लगाए गए हैं।
🔍 ट्रंप प्रशासन का तर्क क्या है?
व्हाइट हाउस की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि ये प्रतिबंध राष्ट्रीय सुरक्षा और सीमा नियंत्रण के मद्देनज़र लगाए गए हैं। ट्रंप का कहना है कि इन देशों की सरकारें अमेरिका के साथ वीजा नियमों, आईडेंटिटी वेरिफिकेशन और अवैध प्रवासियों की वापसी में सहयोग नहीं कर रही हैं।
🛑 क्या यह मुस्लिम बैन की वापसी है?
ट्रंप पहले भी 2017 में कुछ मुस्लिम-बहुल देशों पर प्रतिबंध लगा चुके हैं, जिसे कोर्ट में कड़ी चुनौती दी गई थी। नए आदेश में शामिल देशों में से अधिकांश मुस्लिम या अश्वेत-बहुल हैं, जिसके कारण इसे नस्लीय पूर्वाग्रह और भेदभावपूर्ण नीति करार दिया जा रहा है।
⚖️ विरोध और कानूनी चुनौतियां
इस आदेश को लेकर अमेरिकी सिविल लिबर्टीज यूनियन (ACLU) और इमिग्रेशन रिफॉर्म एक्टिविस्ट्स ने इसे चुनौती देने की तैयारी शुरू कर दी है।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि ट्रंप एक बार फिर अपनी ‘अमेरिका फर्स्ट’ नीति को आगे बढ़ा रहे हैं, और 2024 में जीत के बाद उनकी कठोर इमिग्रेशन नीति लौट आई है।
📌 निष्कर्ष:
डोनाल्ड ट्रंप का यह फैसला वैश्विक राजनीति में हलचल मचा सकता है। कई देशों की सरकारों ने इस फैसले पर कूटनीतिक बातचीत और विरोध जताने की बात कही है। आने वाले दिनों में यह मुद्दा अमेरिका की न्यायिक और राजनीतिक व्यवस्था में बड़ा विवाद खड़ा कर सकता है।